केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ रमेश पोखरियाल निशंक इस अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि मौजूद रहे। उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय में भारतीय स्वाधीनता संग्राम के अमर नायक शहीद भगत सिंह, सुखदेव एवं राजगुरु के जीवन से जुड़े स्थल के दर्शन भी किए।
दिल्ली यूनिवर्सिटी की राष्ट्र निर्माण में भूमिका के बारे में बात करते हुए डॉ. निशंक ने कहा, आज जब हम आजादी के 75 वर्ष एवं यूनिवर्सिटी अपने स्थापना के 100 वर्षों की यात्रा की ओर बढ़ रहा है तो मुझे लगता है की यूनिवर्सिटी की ऐतिहासिक पृष्ठभूमी और आजादी की लड़ाई में योगदान को भी याद करना होगा। दिल्ली यूनिवर्सिटी की स्थापना उस काल में हुई जब देश आजादी की लड़ाई लड़ रहा था। दिल्ली यूनिवर्सिटी और आजादी के इतिहास से जुड़ी सैंकड़ों ऐसी घटनाएं हैं, जिनका जिक्र यदा कदा होता रहता है।
उन्होंने बताया कि देश जब आजाद नहीं हुआ था तब से इस कैंपस में सन 1935 से छात्र संसद का प्रचलन है। यह संवाद की संस्कृति ही तो हमारी ताकत है। इस छात्र संसद ने गांधी, नेहरु, सरोजिनी नायडू, एनी बेसेंट और नेताजी सुभाष चन्द्र बोस जैसी शख्सियतों को तराशने में अहम भूमिका निभाई है। डॉ निशंक ने कहा, मुझे खुशी है कि पिछले 100 वर्षों में राष्ट्र निर्माण में अपना योगदान देते हुए दिल्ली विश्वविद्यालय ने निष्ठा धृति सत्यम के अपने सिद्धांत को पूर्णता अपनी कैंपस संस्कृति में समाहित कर लिया है। मैं चाहता हूं कि आप इस लंबी यात्रा की समीक्षा करें ताकि आपको यह समझ आ सके कि आज आप कहां हैं। और भविष्य में आप कहां जाना चाहते हैं। इससे आपको अपने नए लक्ष्य प्राप्त करने के लिए एक रोडमैप मिलेगा।
इसके अलावा उन्होंने कहा कि दिल्ली यूनिवर्सिटी ने न सिर्फ ज्ञान सृजन में बल्कि राष्ट्र निर्माण की प्रक्रिया में भी एक अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
इस अवसर पर संघ लोकसेवा आयोग के अध्यक्ष प्रोफेसर पीके जोशी, दिल्ली यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रोफेसर पी सी जोशी, कॉलेज के डीन प्रो. बलराम पाणि, दिल्ली यूनिवर्सिटी के साउथ कैंपस की डायरेक्टर प्रोफेसर सुमन कुंदू, रजिस्ट्रार डॉ. विकास गुप्ता एवं छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।
सभी डिग्री एवं पुरस्कार प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राओं को बधाई देते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मुझे आशा ही नहीं बल्कि पूरा विश्वास है कि इस दीक्षांत समारोह में जिन विद्यार्थियों को डिग्री व पदक प्राप्त हो रहे हैं, वह निश्चित ही विश्व पटल पर दिल्ली विश्वविद्यालय व भारत का नाम रोशन करेंगे।
–आईएएनएस
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