धर्म परिवर्तन : शिया धर्मगुरु ने एटीएस की ओर से की गई गिरफ्तारी पर उठाए सवाल

लखनऊ, 25 जून (आईएएनएस)। प्रख्यात शिया धर्मगुरु मौलाना कल्बे जवाद ने एटीएस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं और उत्तर प्रदेश में दो लोगों पर धर्मांतरण के जुड़े मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है।

यूपी एटीएस द्वारा मुफ्ती जहांगीर और उमर गौतम की गिरफ्तारी के बाद, पूरे राज्य में धर्म परिवर्तन के लिंक की जांच की जा रही है।

पत्रकारों से बात करते हुए जवाद ने कहा, यूपी एटीएस को इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच सुनिश्चित करनी चाहिए, साथ ही यह भी ध्यान रखना चाहिए कि किसी भी निर्दोष व्यक्ति को सजा न मिले।

मौलाना जवाद ने कहा, जिन लोगों का धर्मांतरण हुआ है, उनके बयान दर्ज किए जाने चाहिए। क्या उन्हें वास्तव में इस्लाम में परिवर्तित करने के लिए मजबूर किया गया था या उन्होंने स्वेच्छा से धर्मांतरण कराया था? यदि कोई व्यक्ति स्वेच्छा से धर्म परिवर्तन करता है, तो उसे भारतीय संविधान में दोषी नहीं ठहराया जा सकता है, क्योंकि भारतीय संविधान के अनुसार हर धर्म को अपने धर्म को बढ़ावा देने का अधिकार है।

उन्होंने कहा, चाहे वह हिंदू धर्म हो, मुस्लिम धर्म हो या ईसाई धर्म हो, किसी भी धर्म को अपने धर्म का प्रचार करने की पूरी आजादी है।

उन्होंने आगे बताया कि इस्लाम में तो जबरन धर्म परिवर्तन किया ही नहीं जा सकता है। इसके अलावा, यदि किसी व्यक्ति को धर्म परिवर्तन के लिए मजबूर किया जाता है, तो वह व्यक्ति इस्लाम में शामिल नहीं माना जाता है।

विदेशी फंडिंग के मुद्दे पर जवाद ने कहा कि अगर विदेशों से फंडिंग हो रही है तो यह तो हमारी एजेंसियों की विफलता है।

जवाद ने कहा, अगर एजेंसियां कहती हैं कि फंडिंग विदेश से की जा रही है और इसलिए धर्म परिवर्तन किया जा रहा है, तो उन्हें यह साबित करना चाहिए।

उन्होंने कहा, उन्हें यह बताना चाहिए कि किन देशों से पैसा आ रहा था और आखिरकार कितने समय तक कैसे पैसा आता रहा और जांच एजेंसियों को इसकी भनक तक नहीं लगी। यह तो सुरक्षा के लिहाज से एक बड़ी चूक है।

यूपी एटीएस ने दो मौलवियों को कथित तौर पर भय और प्रलोभन का उपयोग करके लोगों पर दबाव में अपना धर्म बदलने का आरोप लगाते हुए गिरफ्तार किया है।

पूछताछ में पुलिस ने पाया कि गौतम ने खुद इस्लाम कबूल किया था।

यूपी एडीजी (लॉ एंड ऑर्डर) प्रशांत कुमार ने कहा, उन्होंने खुलासा किया है कि उन्होंने अब तक कम से कम 1,000 लोगों को इस्लाम में परिवर्तित किया है। दोनों लोगों ने यह भी खुलासा किया है कि उन्हें लोगों को इस्लाम में परिवर्तित करने के उद्देश्य से अंतराष्र्ट्ीय संगठनों से धन प्राप्त हुआ था।

मामला तब सामने आया, जब नोएडा के एक छात्र के माता-पिता ने बताया कि उनका बेटा लापता है और बाद में पाया गया कि उसे जबरन इस्लाम में परिवर्तित किया गया है।

दोनों आरोपियों पर धर्म, जाति, जन्म स्थान, निवास, भाषा आदि के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने, धर्म का अपमान करने, आपराधिक साजिश और धोखाधड़ी के इरादे से पूजा स्थल को नुकसान पहुंचाने या अपवित्र करने का मामला दर्ज किया गया है।

–आईएएनएस

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