नीतीश के नेतृत्व वाले राजग की बिहार में सत्ता बरकरार, राजद बनी सबसे बड़ी पार्टी (लीड-1)

नई दिल्ली, 11 नवंबर (आईएएनएस)। बिहार विधानसभा चुनावों में एक करीबी और नाटकीय मुकाबले में भाजपा ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाले सत्तारूढ़ गठबंधन राजग को जीत दिलाई। उसने राज्य में 15 साल की सत्ता विरोधी लहर के बाद भी चुनाव में जीत हासिल की।

243 सदस्यीय विधानसभा में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) ने 122 सीटों के बहुमत के आंकड़े को पार किया है। इस गठबंधन में शामिल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), जनता दल यूनाइटेड, विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) और हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) ने मिलकर 125 सीटें जीत लीं। भाजपा 74 सीटों पर विजयी रही, जबकि जद (यू) 43 सीटें जीतने में सफल रही। छोटे सहयोगी दलों – हम और वीआईपी ने 4-4 सीटें जीतीं।

वहीं, अक्टूबर-नवंबर के चुनावों में राज्य में राजग का साथ छोड़ने वाली लोक जनशक्ति पार्टी को केवल 1 सीट से संतोष करना पड़ा।

विपक्षी महागठबंधन ने 110 सीटें जीतीं, इसमें राष्ट्रीय जनता दल ने 75 सीटें, कांग्रेस ने 19 और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी-मार्क्‍सवादी-लेनिनवादी (लिबरेशन) ने 12 सीटें जीतीं। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी-मार्क्‍सवादीने 2-2 सीटें जीतीं। तेजस्वी यादव की पार्टी राजद इन चुनावों में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी, जिसने राज्य में अकेले सबसे ज्यादा 75 सीटें जीतीं। वहीं 74 सीटों के साथ भाजपा राज्य में दूसरी सबसे बड़ी पार्टी रही।

बची हुई सीटें अन्य दलों में बंट गईं। जैसे असदुद्दीन ओवैसी की एआईएमआईएम ने 5 और बहुजन समाज पार्टी ने 1 सीट जीती। चुनाव में एक निर्दलीय उम्मीदवार भी विजयी हुआ।

मंगलवार की सुबह 8 बजे से शुरू मतगणना देर रात तक जारी रही। तीन चरणों वाले बिहार विधानसभा चुनावों के लिए चुनाव आयोग ने बुधवार की सुबह 4.30 बजे अंतिम परिणाम घोषित किए गए जो राज्य में नए युग का आगाज कर सकते हैं। हालांकि कई एग्जिट पोट ने राजद के नेतृत्व वाले महागठबंधन के जीतने की बात कही थी।

सीटों की संख्या में कमी के बावजूद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार नए कार्यकाल के लिए तैयार हैं। उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पार्टी प्रमुख जे.पी.नड्डा ने राजग की ओर से मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार पहले ही घोषित कर दिया था।

इन चुनावों में एआईएमआईएम ने 5 सीटें जीतकर सबको चौंका दिया है। इससे पहले के बिहार उपचुनाव में उसने एक ही सीट जीती थी। इन चुनावों के साथ उसका सीमांचल इलाके में अच्छा प्रवेश हुआ है, जहां मुस्लिम मतदाताओं की संख्या अच्छी-खासी है।

–आईएएनएस

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