नेतृत्व विवाद के बीच कर्नाटक ने स्थगित किया स्थानीय निकाय चुनाव

बेंगलुरू, 18 जून (आईएएनएस)। कर्नाटक में सत्तारूढ़ भाजपा के भीतर पैदा हुए नेतृत्व विवाद के बीच राज्य में सभी स्थानीय निकायों के चुनाव छह महीने के लिए स्थगित कर दिया गया है।

शहरी विकास विभाग की ओर से गुरुवार देर रात राज्य भर के सभी उपायुक्तों, क्षेत्रीय आयुक्तों, जोनल आयुक्तों, योजना विभाग के निदेशकों और तहसीलदारों को एक सकरुलर जारी किया गया।

सकरुलर में, शहरी विकास ने कहा कि विभाग केवल 26 अप्रैल को लिए गए राज्य कैबिनेट के फैसले को लागू कर रहा था।

सकरुलर ने समझाया कि राज्य मंत्रिमंडल ने 26 अप्रैल को बढ़ते कोविड मामलों और सार्वजनिक स्वास्थ्य सुरक्षा को अपनी प्रमुख चिंता का हवाला देते हुए निर्णय लिया था। इस (कैबिनेट निर्णय) के अनुसार राज्य भर में शहरी विकास विभाग ने नगर निगमों, नगर पंचायतों और नगर निगमों को स्थगित करने का निर्णय लिया है। यह निर्णय अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पद के चुनाव पर भी लागू होता है।

पूरे कर्नाटक में आठ नगर निगम, 43 शहर नगर निगम (सीएमसी), 94 नगर नगर निगम (टीएमसी), 68 नगर पंचायत (टीपी) और चार अधिसूचित क्षेत्र समितियां (एनएसी) कार्य करती हैं।

इनमें से, नगर निगम कर्नाटक नगर निगम अधिनियम 1976 और अन्य यूएलबी कर्नाटक नगर अधिनियम द्वारा शासित हैं।

इनमें से हर शहरी स्थानीय निकाय (यूएलबी) को आगे उन वाडरें में विभाजित किया गया है, जिनमें हर पांच साल के अंतराल पर चुनाव होते हैं। राज्य सरकार जनसंख्या, आवास पैटर्न, भौगोलिक स्थिति और यूएलबी की आर्थिक स्थिति के आधार पर वार्ड बनाती है।

कर्नाटक ने पिछले साल ही विशेष रूप से बेंगलुरू नागरिक निकाय, बेंगलुरु महानगर पालिक को नियंत्रित करने के लिए नया अधिनियम तैयार किया है और इसके परिणामस्वरूप, इस सबसे बड़े नागरिक निकाय के चुनाव वार्ड परिसीमन की प्रक्रिया पूरी होने तक स्थगित कर दिए गए थे।

–आईएएनएस

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