ऐसे कृत्यों की कड़ी निंदा करते हुए मुख्यमंत्री ने प्रदर्शनकारियों से अपील की कि वे ऐसे कार्यो के माध्यम से किसी भी राजनीतिक दल के पदाधिकारियों के परिवारों को कोई भी तकलीफ न दें।
उन्होंने कहा कि यह लोगों की गोपनीयता पर प्रहार है, जो शांतिपूर्ण आंदोलन का नाम खराब करेगा और प्रदर्शन के उद्द्ेश्य को नाकाम कर देगा।
मुख्यमंत्री ने चेतावनी देते हुए कहा कि किसानों को अपनी लड़ाई में कानून को हाथ में नही लेना चाहिए।
अमरिंदर ने कहा, महीनों तक संयम रखने और इस दौरान पंजाब और साथ ही दिल्ली सीमाओं पर हिंसा या अराजकता न फैलाने के बाद, कुछ प्रदर्शनकारी किसान अपना धैर्य खो रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने चेतावनी दी कि राजनीतिक पदाधिकारियों के घर जबरन प्रवेश या पिकेट हाउस में घुसने का प्रयास से विभिन्न जातियों, धर्मो, और समुदायों आदि के लोगों के बीच शांती भंग हो सकती है। यह पंजाब की एकता, सद्भाव की भावना के विपरीत है।
उन्होंने कहा, राजनीति की अपनी जगह है, लेकिन हमें पंजाबियत की भावना को भी जीवित रखना चाहिए।
अमरिंदर ने प्रदर्शनकारियों से आत्म-अनुशासन की भावना के साथ किसानों के साथ एकजुटता व्यक्त करने का आग्रह किया है।
–आईएएनएस
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