सिंह ने शीर्ष अदालत से अपने तबादले के आदेश को रद्द करने का आग्रह किया, जिसे उन्होंने अवैध और मनमाना करार दिया है। साथ ही उन्होंने कहा कि सबूत नष्ट होने से तुरंत पहले तत्काल सीबीआई जांच करवानी चाहिए।
सिंह ने अपनी याचिका में कहा कि फरवरी 2021 से देशमुख पुलिस विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को दरकिनार कर क्राइम इंटेलिजेंस यूनिट के सचिन वाजे और एसीपी सोशल सर्विस ब्रांच, संजय पाटिल जैसे अधिकारियों के साथ बैठकें कर रहे थे।
याचिका में दावा किया गया था कि देशमुख ने उन्हें हर महीने 100 करोड़ रुपये जमा करने का लक्ष्य दिया था। देशमुख ने उन्हें विभिन्न प्रतिष्ठानों और अन्य स्रोतों से धन इकट्ठा करने का निर्देश दिया। याचिका में महाराष्ट्र सरकार, गृह मंत्रालय और सीबीआई को मामले में प्रतिवादी बनाया गया है।
सिंह ने देशमुख के आवास के सीसीटीवी फुटेज को तुरंत कब्जे में लेने का निर्देश देने का आग्रह किया।
याचिका के अनुसार, अनिल देशमुख विभिन्न जांचों में हस्तक्षेप कर रहे हैं और पुलिस अधिकारियों को निर्देश दे रहे थे कि वे एक विशेष तरीके से उनके द्वारा वांछित तरीके से आचरण करें। देशमुख द्वारा पद का दुरुपयोग करके इस तरह की सारी कार्रवाई करने के लिए उनके खिलाफ सीबीआई जांच जरूरी है।
सिंह ने साथ ही अपने तबादले को दुर्भावनापूर्ण और गलत करार दिया और साथ ही इसे रद्द करने की मांग की।
वहीं महाराष्ट्र सरकार ने इससे पहले सिंह के तबादले को सही बताया था।
–आईएएनएस
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