पाकिस्तान : इलाज के लिए मरीजों को भारत की जगह तुर्की भेजने पर विचार

इस्लामाबाद, 14 अक्टूबर (आईएएनएस)| कश्मीर मुद्दे पर तनाव बढ़ने के बाद भारतीय वीजा नहीं मिलने से उन पाकिस्तानी मरीजों के लिए विशेष रूप से संकट की स्थिति पैदा हुई है जो सस्ते और बेहतर इलाज के लिए भारत आना चाहते हैं। ऐसे में पाकिस्तान ने अब अपनी उम्मीदें तुर्की से लगा ली हैं। पाकिस्तान में स्तरीय चिकित्सा सुविधाओं के अभाव में गंभीर रोगों से ग्रस्त मरीज इलाज के लिए विदेश की शरण लेते रहे हैं और भारत पड़ोस में होने और अच्छी चिकित्सा सुविधाओं के कारण इनका पसंदीदा रहा है। लेकिन, दोनों देशों के तनाव के कारण वीजा मिलने में होने वाली मुश्किलों ने पाकिस्तानी मरीजों की समस्या बढ़ा दी है।

इससे निपटने के लिए पाकिस्तान ने अब तुर्की से बात की है और माना जा रहा है कि तुर्की के राष्ट्रपति रेसप तैयप एर्दोगान के पाकिस्तान दौरे पर इस बारे में समझौते का ऐलान किया जाएगा।

पाकिस्तानी मीडिया में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, स्वास्थ्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम नहीं छापने की शर्त पर कहा कि इन समझौतों से उन पाकिस्तानी मरीजों के लिए एक राह और खुलेगी जो इससे पहले इलाज के लिए भारत जाते रहे हैं।

रिपोर्ट में कहा गया है कि तुर्की में इलाज के लिए दूसरे मुल्कों से आने वाले मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है। तुर्की खुद भी अपने यहां ‘स्वास्थ्य पर्यटन’ को बढ़ावा देने लिए प्रयास कर रहा है।

अधिकारी ने कहा, “अगर भारत इलाज के लिए वाजी जारी करना शुरू कर दे तब भी इस तनावपूर्ण माहौल में मरीजों और उनके संबंधियों का वहां जाना संभव नहीं होगा। इसलिए हम तुर्की के विकल्प पर विचार कर रहे हैं।”

उन्होंने कहा कि तुर्की के साथ होने वाले समझौते का लाभ यह होगा कि पाकिस्तानी मरीजों को उसी शुल्क में इलाज मिलेगा जिसमें तुर्की के लोगों को मिलता है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तानी मरीजों के इलाज की फीस में और कमी पर भी तुर्की से बात की जाएगी।

पाकिस्तान और तुर्की के संबंधों में हाल में और बेहतरी तब आई जब तुर्की ने खुलकर कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान की हां में हां मिलानी शुरू कर दी।