पारिवारिक गढ़ अनंतनाग में मुफ्ती की लोकप्रियता की होगी परीक्षा

अनंतनाग, 13 अप्रैल (आईएएनएस)| राज्य में भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) संग गठबंधन से अलग होने के करीब एक वर्ष बाद पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी(पीडीपी) की नेता और पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की लोकप्रियता की अपने परिवार के पारंपरिक गढ़ अनंतनाग में लोकसभा चुनाव के दौरान परीक्षा होगी। यहां तीन चरणों 23, 29 अप्रैल और छह मई को मतदान होंगे।

2014 में इस सीट से जीत दर्ज करा चुकीं महबूबा को इस बार प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जी.ए. मीर और नेशनल कांफ्रेंस के उम्मीदवार व जम्मू एवं कश्मीर उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश हसनैन मसूदी से चुनौती मिलेगी।

विश्लेषकों का मानना है कि पीडीपी की अध्यक्ष ने यहां से चुनाव लड़के बहुत बड़ा जोखिम लिया है, क्योंकि यहां उनके खिलाफ भाजपा के साथ गठबंधन करने की वजह से लोगों में बहुत गुस्सा है।

मजेदार बात यह कि यहां से उत्तर प्रदेश के शम्स ख्वाजा भी चुनाव लड़ रहे हैं, जो जम्मू एवं कश्मीर का गैर-प्रादेशिक विषय है, यानी इनके पास संविधान की धारा 370 के अंतर्गत जम्मू एवं कश्मीर का स्थायी निवास प्रमाणपत्र नहीं है। ऐसा करने वाले संभवत: वह पहले प्रत्याशी हैं।

यहां चुनावी मैदान में मौजूद 18 प्रत्याशियों में सोफी यूसुफ भाजपा की के उम्मीदवार हैं।

इसके अलावा ऐसा पहली बार हो रहा है कि एक लोकसभा सीट के लिए मतदान तीन चरणों में होंगे। ऐसा दक्षिण कश्मीर में आतंकवाद बढ़ने की वजह से किया जा रहा है।

अनंतनाग लोकसभा सीट पारंपरिक रूप से पीडीपी का मजबूत गढ़ रहा है और महबूबा की इस सीट से जीत या हार का राज्य में होने वाले विधानसभा चुनाव पर काफी असर पड़ेगा। राज्य में अभी राष्ट्रपति शासन लागू है।

संसदीय क्षेत्र में विधानसभा की 16 सीटें हैं, जिसमें अनंतनाग, बिजबेहरा, कोकरनाग, शानगुस, देवसर, होमेशालीबाग, नूराबाद, कुलगाम, दूरू, शोपियां, वाची, राजपोरा, पुलवामा, त्राल, पहलगाम और पंपोर शामिल हैं।

2014 में हुए चुनाव में, पीडीपी ने यहां की 11 सीटों, नेशनल कांफ्रेंस और कांग्रेस ने 2-2 सीटों और माकपा ने एक सीट पर कब्जा जमाया था।

तीनों पार्टियों पीडीपी, एनसी और कांग्रेस का चुनावी प्रचार मुख्यत: अनुच्छेद 370 और 35ए के आसपास केंद्रित है। ये अनुच्छेद जम्मू एवं कश्मीर को विशेष दर्जा मुहैया कराते हैं।

भाजपा ने अपने घोषणा-पत्र में इसे खत्म करने का वादा किया है।