पिम्परी चिंचवड़ वासियों पर भी पे एन्ड पार्क पॉलिसी की आफत!

पिंपरी: पुणे समाचार ऑनलाइन
जहाँ नई पे एन्ड पार्क पॉलिसी से पुणे में घमासान छिड़ गया है, वहीं पिम्परी चिंचवड़ वासियों पर भी इसकी तलवार लटक रही है। क्योंकि यहाँ भी सत्ताधारी भाजपा पे एन्ड पार्क पॉलिसी की नीति तैयार करने में जुटी है। हांलाकि शहर में पर्याप्त जगह उपलब्ध रहने से पुणे की भांति हालात यहाँ नहीं हो सकेंगे, यह दावा सत्ताधारी दल ने किया है। मग़र साथ ही वाहनों की सुरक्षा के लिहाज से आमजनों की जेबों पर भर पड़ना लाजिमी है, यह संकेत भी दिये हैं। इससे पिम्परी चिंचवड़ के लिए प्रस्तावित पे एन्ड पार्क पॉलिसी को लेकर उत्सुकता बढ़ गई है।

पिम्परी चिंचवड़ वासियों पर भी पे एन्ड पार्क पॉलिसी की आफत!

बीते दिन पुणे मनपा में पे एन्ड पार्क पॉलिसी को मंजूरी दी गई। इसमें सड़कों पर की जानेवाली पार्किंग की शुल्कों में भारी वृद्धि की गई है। इससे पुणे में भारी घमासान छिड़ गया है। विपक्षी दलों को तो मानों सत्ताधारी भाजपा के खिलाफ एक अहम मुद्दा ही मिल गया हो। आज ही मनसे (महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना) ने अनोखा आंदोलन करते हुए महापौर मुक्ता तिलक के वाहन के पार्किंग की रसीद काट दी। इस पृष्ठभूमि पर पिम्परी चिंचवड़ मनपा का जायजा लेने की कोशिश करने पर यहाँ भी पे एन्ड पार्क पॉलिसी प्रस्तावित रहने की जानकारी हाथ आयी है।

विकराल रूप धारण करती पार्किंग समस्या

पुणे की भांति तेजी से विस्तारित हो रहे पिम्परी चिंचवड़ में भी वाहनों की आबादी तेजी से बढ़ रही है। इसके फलस्वरूप शहर में यातायात व पार्किंग की समस्या गंभीर रूप धारण करते जा रही है। सड़कों पर की जाने वाली पार्किंग ने तो हाइवे तक को नहीं बख्शा है। मनमानी पार्किंग से आधा हाइवे व्याप्त है, आंतरिक सड़कों की हालत और बदतर हो रही है। इससे शहर में यातायात समस्या विकराल रूप धारण कर रही है। इससे निजात दिलाने के लिए यहां भी सत्ताधारी भाजपा पे एन्ड पार्क पॉलिसी बनाने की फिराक में है। ऐसी घोषणा भी चंद दिन पूर्व की गई थी।

सुरक्षा के लिये करना होगा खर्च

इस बारे में पूछने पर सभागृह नेता एकनाथ पवार ने पॉलिसी प्रस्तावित रहने की पुष्टि की। शहर में पार्किंग व्यवस्था विकसित करने हेतु पर्याप्त जगह उपलब्ध रहने से यहाँ पुणे जैसे हालात नहीं हो सकेंगे। पुरानी इमारतों में पार्किंग की सुविधा नहीं दी जाती थी, वैसे कोई नियम भी न थे। हांलाकि अब नियम अमल में हैं, जिन सोसाइटियों में पार्किग की सुविधा नहीं है, वहीं दिक्कत है। पुनर्विकास के दौरान ये दिक्कतें दूर सकेंगी। पुणे की तुलना में यहाँ पर्याप्त जगह उपलब्ध है, इसके चलते ज्यादा दिक्कत नहीं होगी। हांलाकि नागरिकों को अपने वाहनों की सुरक्षा के लिए कुछ खर्च का वहन करना होगा, यह संकेत भी उन्होंने दिए।