पीएम किसान से 12 करोड़ किसानों को मिलेगा फायदा : वित्तमंत्री

नई दिल्ली, 1 फरवरी (आईएएनएस)| केंद्रीय वित्त पीयूष गोयल ने शुक्रवार को संसद में अंतरिम बजट 2019-20 पेश करते हुए प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) की घोषणा की। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम से करीब 12 करोड़ छोटे और सीमांत किसान परिवार लाभान्वित होंगे। गोयल ने कहा कि इस योजना के तहत दो हेक्टेयर तक भूमि की छोटी जोत वाले किसान परिवारों को हर साल 6,000 रुपये प्रत्यक्ष आय सहायता उपलब्ध कराई जाएगी, जिससे किसान खेती के लिए बीज, उर्वरक, कृषि उपकरण, श्रम व अन्य जरूरतों की पूर्ति कर सकते हैं।

वित्तमंत्री ने कहा कि यह सहायता राशि 2,000 रुपये प्रत्येक की तीन समान किस्तों में योजना के तहत पात्र किसानों के बैंक खातों में सीधे ही हस्तांतरित कर दी जाएगी। उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम का वित्त पोषण पूर्ण रूप से भारत सरकार द्वारा किया जाएगा।

यह कार्यक्रम 1 दिसंबर, 2018 से प्रभावी होगा और 31 मार्च, 2019 तक की अवधि के लिए पहली किस्त का भुगतान इसी वर्ष किया जाएगा। इस कार्यक्रम पर सालाना 75,000 करोड़ रुपये खर्च होगा। चालू वित्त वर्ष के लिए इस कार्यक्रम के तहत 20,000 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है।

वित्तमंत्री ने किसानों की आमदनी 2022 तक दोगुनी करने के मकसद से 22 अनुसूचित फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) का निर्धारण फसल की लागत पर 50 फीसदी लाभ के साथ करने की बात भी दोहराई।

उन्होंने कहा, “पीएम-किसान अधिकांश छोटे किसान परिवारों को न केवल निश्चित पूरक आय उपलब्ध कराएगा बल्कि विशेष रूप से फसल कटाई सीजन से पूर्व किसानों की आकस्मिक जरूरतों को भी पूरा करने में मदद करेगा। पीएम-किसान, किसानों के लिए सम्मानित जीवन-यापन करने का मार्ग प्रशस्त करेगा।”

वित्तमंत्री ने पशुपालन के संबंध में कहा, “मैंने इस वर्ष के लिए राष्ट्रीय गोकुल मिशन के लिए आवंटन बढ़ाकर 750 करोड़ रुपये कर दिया है। मैं राष्ट्रीय कामधेनु आयोग की स्थापना की घोषणा करता हूं। इससे गाय संसाधनों का सतत आनुवांशिक उन्नयन करने और गायों का उत्पादन और उत्पादकता बढ़ाने में मदद मिलेगी।”

उन्होंने कहा कि यह आयोग गायों के लिए कानूनों और कल्याण योजना को प्रभावी रूप से लागू करने की भी देखभाल करेगा।

वित्तमंत्री ने कहा कि मछली-पालन क्षेत्र के विकास के लिए सरकार ने अलग से मछली-पालन विभाग का सृजन करने का निर्णय लिया है।

गोयल ने कहा कि पिछले बजट में हमारी सरकार ने पशुपालक और मत्स्य पालक किसानों के लिए भी किसान क्रेडिट कार्ड योजना (केसीसी) का विस्तार करने की घोषणा की थी। उन्होंने कहा, “अब मैं किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से ऋण लेकर पशुपालन और मछली पालन कर रहे किसानों के लिए 2 प्रतिशत ब्याज छूट का लाभ देने का प्रस्ताव करता हूं। इसके अलावा ऋण का समय पर पुनभुर्गतान करने पर उन्हें 3 प्रतिशत अतिरिक्त ब्याज छूट भी दी जाएगी।”

वित्तमंत्री ने कहा कि प्राकृतिक आपदाएं आने पर किसान आमतौर पर अपने फसल ऋणों का भुगतान करने में असमर्थ हो जाते हैं।

उन्होंने कहा, “हमारी सरकार ने निर्णय लिया है कि प्राकृतिक आपदाओं से बुरी तरह प्रभावित सभी किसानों को जहां सहायता राष्ट्रीय आपदा राहत कोष (एनडीआरएफ) से उपलब्ध कराई जा रही है उस पर दो प्रतिशत ब्याज छूट का लाभ उपलब्ध कराया जाएगा और ऋणों की पुन: अनुसूचित पूरी अवधि के लिए तीन प्रतिशत तत्काल पुन: भुगतान प्रोत्साहन भी दिया जाएगा।

वित्तमंत्री ने कहा कि गरीबों और मध्यमवर्गीय परिवारों को सस्ती अनाज मुहैया करवाने के लिए सरकार ने 1.7 लाख करोड़ रुपये का आवंटन किया है। उन्होंने कहा, “हम यह सुनिश्चित करवाना चाहते हैं कि सबको भोजन मिले और कोई भूखा न सोए।”

उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के लिए 2019-20 में 60,000 करोड़ रुपये प्रदान किया गया है।

उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के लिए पिछले साल जहां 15,500 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया था वहां इस साल 19,000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।