पुनर्गठबंधन से पूर्व ही भाजपा ने ठोंका मावल, शिरूर पर दावा

विधायक लक्ष्मण जगताप के बयान से सियासी गलियारे में खलबली

पिम्परी। पुणे समाचार ऑनलाइन

लोकसभा चुनाव करीब आते ही भाजपा ने अपने पुराने और रूठे हुए सहयोगी दलों को मनाने की कवायद शुरू कर दी है। खुद पार्टी हाइकमान अमित शाह ने राज्य में शिवसेना के साथ पुनर्गठबंधन के संकेत दिए हैं। हांलाकि अभी इस पर शिवसेना की ओर से कोई ठोस भूमिका जाहिर नहीं की गई है। पिम्परी चिंचवड़ में मात्र पुनर्गठबंधन से पूर्व ही भाजपा ने शिवसेना के कब्जे में रहे मावल और शिरूर लोकसभा निर्वाचन क्षेत्रों पर अपना दावा ठोंक दिया है। पार्टी के शहराध्यक्ष व विधायक लक्ष्मण जगताप ने संवाददाताओं के एक सवाल के जवाब में इन दोनों निर्वाचन क्षेत्रों पर दावा किया है, इससे सियासी गलियारे में खलबली मच गई है।

महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के दौरान शिवसेना व भाजपा का बरसों पुराना गठबंधन टूट गया। दोनों अलग-अलग चुनाव के मैदान में उतरे। ज्यादा सीटें जीतकर भाजपा सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी, हांलकि बहुमत से दूर रही। बाद शिवसेना और निर्दलीयों को साथ लेकर सत्ता बनाई। सत्ता में शामिल होने के बाद भी शिवसेना और भाजपा के बीच 36 का आंकड़ा कायम रहा। दोनों दलों के नेता एक-दुसरे पर नीचा दिखाने और कीचड़ उछालने में आगे रहते हैं। अंततः शिवसेना ने आनेवाले सभी चुनाव अपने अकेले के बूते लड़ने की भीष्म प्रतिज्ञा की। हांलाकि सत्ता का दामन न छोड़ने से शिवसेना को अब तक भारी किरकिरी का सामना करना पड़ रहा है।आनेवाले लोकसभा चुनाव के लिए विपक्षी दलों को एकजुट होता देख भाजपा ने भी अपने पुराने और रूठे हुए सहयोगी दलों को मनाने की शुरूआत कर दी है। हालिया पार्टी की सालगिरह पर मुंबई में संपन्न हुए समारोह में पार्टी हाईकमान अमित शाह ने शिवसेना के साथ पुनर्गठबंधन के संकेत दिए। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इसकी पहल भी कर दी है। एक तरफ वरिष्ठ स्तर से शिवसेना के साथ पुनः गठबंधन की कोशिशें जारी हैं, वहीं दूसरी तरफ स्थानीय स्तर पर इन कोशिशों में खलल पैदा करने की कोशिश शुरू हो गई है। पिम्परी चिंचवड़ मनपा में कचरा घोटाले के आरोपों से बेज़ार हुई भाजपा का पक्ष रखने के लिए पार्टी के शहराध्यक्ष व विधायक लक्ष्मण जगताप ने एक सवाल के जवाब में शिवसेना के कब्जे में रहे मावल व शिरूर लोकसभा निर्वाचन क्षेत्रों पर दावा ठोंक दिया।

मावल से जगताप के राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी श्रीरंग बारने और शिरूर से भाजपा विधायक महेश लांडगे के राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी शिवाजी आढलराव पाटिल सांसद हैं। बीते 10 सालों से ये निर्वाचन क्षेत्र शिवसेना के कब्जे में है। हांलाकि दोनों निर्वाचन क्षेत्रों के स्थानीय निकायों पर भाजपा का वर्चस्व है, इसके आधार पर लोकसभा चुनाव में इन दोनों सीटों पर भाजपा का दावा रहेगा, यह भी जगताप ने स्पष्ट किया। उनके दावे ने जहां सियासी गलियारे में खलबली मचा दी वहीं शिवसेना व भाजपा के बीच जारी पुनर्गठबंधन की कोशिशों में खलल पैदा होने की संभावना को तेज कर दिया है। विधायक जगताप के इस बयान पर भाजपा के वरिष्ठ स्तर से क्या प्रतिक्रिया व्यक्त होती है, इसकी ओर सभी की निगाहें टिक गई हैं।