पुलिस आयुक्तालय में नहीं रैंप, विकलांगों ने कमिश्नर से लगाई गुहार 

पुणे समाचार
सरकार भले ही विकलांगों को सुविधाएं देने की बड़ी-बड़ी बातें करे, लेकिन हकीकत यह है कि उसके अपने महकमों में भी इसका ख्याल नहीं रखा जाता। पुणेपुलिस आयुक्तालय में विकलांगों के लिए कोई रैम्प या लिफ्ट नहीं है, जिसके चलते उन्हें पहली और दूसरी मंजिल तक पहुंचने के लिए मशक्कत करनी पड़ती है। इस ओर ध्यान आकर्षित करने के लिए प्रहार अपंग क्रांति आंदोलन नामक संस्था के सदस्य हाल ही में पुलिस कमिश्नर रश्मि शुक्ला से मिलने पहुंचे। कमिश्नर शुक्ला पहली मंजिल पर बैठती हैं। इन सदस्यों ने यह दर्शाने के लिए कि विकलांगों को कितनी परेशानियों का सामना करना पड़ता है खुद किसी तरह सीढ़ियां चढ़कर कमिश्नर से मुलाकात की।

…ताकि न हो तकलीफ
इस बारे में संस्था के आकाश कुंभार ने कहा, हम पुलिस आयुक्तालय में कमिश्नर शुक्ला को निवेदन पत्र देने गए थे। हमने उनसे मांग की है कि विकलांगों के लिए रैंप या लिफ्ट आदि की व्यवस्था की जाए, ताकि हम जैसे लोगों को यूँ तकलीफ न उठानी पड़े। हमारा कहना है की सभीसरकारी कार्यालयों में यह सुविधा उपलब्ध कराई जानी चाहिए। कुंभार के मुताबिक, दिव्यांग कानून औरप्रधानमंत्री सुगम्या योजना के तहत रैम्प और लिफ्ट होना जरूरी है।

मिला आश्वासन
संस्था के रफिक शेख ने बताया कि कमिश्नर मैडम को जब यह जानकारी मिली कि हम आए हैं, तो वह खुद हमसे मिलने नीचे आना चाहती थीं, लेकिन हमारी जिद थी कि हम ही उन तक जाएंगे। हमने उनसे अनुरोध किया है कि पुलिस आयुक्तालय में विकलांगों के लिए रैम्प या लिफ्ट की व्यवस्था की जाए। शेख के मुताबिक, कमिश्नर शुक्ला ने आश्वासन दिया कि वो इस संबंध में पीडब्लयूडी को पत्र लिखेंगी और हर संभव प्रयास करेंगी कि विकलांगों को कोई परेशानी न हो।