पेइचिंग में 2019 ब्रिक्स थिंक-टैंक अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी आयोजित

बीजिंग, 26 जून (आईएएनएस)| इस साल की पहली ब्रिक्स थिंक-टैंक अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी 26 जून को पेइचिंग में आयोजित हुई, जिसका थीम है ‘वैश्विक शासन और बहुपक्षवाद’। इस संगोष्ठी में पांच ब्रिक्स देशों के थिंक-टैंक विद्वानों ने ‘एकतरफावाद उभरने के रुझान में ब्रिक्स देश कैसे बहुपक्षवाद की रक्षा करेंगे’, ‘वैश्विक विकास और शासन में ब्रिक्स देशों का उत्तरदायित्व और भूमिका’, ‘विश्व आर्थिक व्यापारिक व्यवस्था के नियमों के पुनर्निर्माण में ब्रिक्स देश कैसे मार्गदर्शन करेंगे’ और ‘नई औद्योगिक क्रांति की पृष्ठभूमि में वैश्विक शासन में ब्रिक्स देशों की भूमिका’ जैसे चार पहलुओं पर गहन रूप से विचारों का आदान-प्रदान किया।

चीनी राज्य परिषद के विकास अनुसंधान केंद्र के उप प्रधान लोंग क्वोछ्यांग ने संगोष्ठी में कहा, “वर्तमान की बहुपक्षीय व्यापार व्यवस्था ने विश्व की समृद्धि और शांति के संवर्धन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। वैश्विक व्यापारिक निवेश में नवोदित बाजार देशों और विकासमान देशों का स्थान लगातार उन्नत हो रहा है। नई तकनीक से नई आर्थिक व्यापारिक कार्रवाई पैदा हुई। वर्तमान की बहुपक्षीय व्यापार व्यवस्था को सुधारने की आवश्यकता है और स्थिति के अनुसार परिवर्तन किया जाना चाहिए। ब्रिक्स देश नवोदित बाजार देशों और विकासमान देशों के प्रतिनिधि हैं। इस तरह विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के सुधार को ब्रिक्स सहयोग का नया क्षेत्र माना जा सकेगा, ताकि समान रूप से विकास का अनुसंधान किया जा सके।”

संगोष्ठी में ब्रिक्स देशों के विद्वानों का समान विचार है कि वैश्विक शासन में ब्रिक्स देशों की ज्यादा भूमिका निभाने की समान अभिलाषा है। ब्रिक्स देशों को दूसरे नवोदित बाजार देशों, विकासमान देशों और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के साथ सहयोग को मजबूत करना चाहिए, समान रूप से संरक्षणवाद, एकतरफावाद और दादागिरी का मुकाबला करना चाहिए, खुली वैश्विक आर्थिक व्यवस्था की रक्षा करनी चाहिए। व्यापार निवेश, डिजिटल अर्थतंत्र, वैज्ञानिक तकनीकी नवाचार, ऊर्जा संसाधन तथा आधारभूत संस्थापन के निर्माण आदि क्षेत्रों में सहयोग को लगातार मजबूत करना चाहिए, और वैश्विक शासन प्रक्रिया का मार्गदर्शन करते हुए नवोदित बाजार देशों और विकासमान देशों के हितों की रक्षा करनी चाहिए।

(साभार–चाइना रेडियो इंटरनेशनल, पेइचिंग)