प्रिंस मर्डर केस में बस कंडक्टर रिहा

गुडगाँव : गुडगाँव के एक स्कूल में हुए प्रिंस मर्डर केस में आरोपी बस कंडक्टर अशोक कुमार को कोर्ट ने बरी कर दिया है। बस कंडक्टर को गुरुग्राम पुलिस ने इस केस में मुख्य आरोपी बनाया था। लेकिन बाद में जांच के दौरान सीबीआई ने उसको क्लीन चिट दे दी थी। जिला जज जसबीर कुंडू की अदालत ने उसे बरी किया है। इसके साथ ही कोर्ट ने स्कूल के अधिकारी जेएस थॉमस और फ्रांसिस थॉमस को 10 अप्रैल को पेश होने का आदेश देते हुए सीबीआई और स्टेट पुलिस के एफआईआर को मर्ज करने का आदेश दिया है। इतना ही नहीं 10 अप्रैल तक सीबीआई को अपनी जांच पूरी करके फाइनल चार्जशीट फाइल करने का आदेश भी दिया गया है।

करंट के झटके दिए थे

पिछले साल 8 सितंबर की गुडगाँव के एक स्कूल के बाथरूम में 7 वर्षीय छात्र का शव मिला था ,उसकी गला रेतकर हत्या की गई थी। इस मामले की जांच कर रही गुडगाँव पुलिस ने 42 वर्षीय बस कंडक्टर अशोक कुमार को हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया था। दावा किया था कि बच्चे के साथ गलत काम करने में नाकाम रहने के बाद उसने हत्या कर दी।

22 नवंबर को 76 दिनों तक हिरासत में रहने के बाद बस कंडक्टर अशोक कुमार को कोर्ट ने जमानत दे दी थी। रिहाई के बाद उसने कहा था, ‘मैं भगवान का शुक्रगुजार हूं कि उसने मुझे न्याय दिया ,हमें न्यायपालिका पर पूरा विश्वास है। मुझे हिरासत में टॉर्चर किया गया, करंट के झटके दिए गए ,थर्ड डिग्री देकर जुर्म कबूल करने के लिए मजबूर किया गया था। ‘

अशोक को फंसाया गया था

आरोपी के वकील मोहित वर्मा ने कहा था कि उसके खिलाफ कोई सबूत नहीं था। अदालत ने अनुच्छेद 21 के तहत उन्हें जमानत दे दी। अनुच्छेद 21 हर नागरिक को जिंदगी और स्वतंत्रता का अधिकार देता है। सीबीआई और हरियाणा पुलिस के सिद्धांतों के बीच बड़ा संघर्ष था। संदेह के लाभ के आधार पर उन्हें जमानत दी गई है। अशोक को फंसाया गया था।