फंडिंग घोटाले को लेकर विधानसभा में विजयन और विपक्षी कांग्रेस के बीच हुई बहस

तिरुवनंतपुरम, 7 जून (आईएएनएस)। केरल विधानसभा में सोमवार को मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन और नए विपक्ष के नेता वी.डी. सतीसन ने 6 अप्रैल को हुए विधानसभा चुनाव के दौरान कथित फंड घोटाले में राज्य के भाजपा नेताओं की कथित संलिप्तता पर आरोप लगाया।

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की केरल इकाई उस समय दबाव में है, जब आरएसएस कार्यकर्ता धर्मराजन ने कोडकारा पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई है कि लोगों के एक समूह ने मतदान से कुछ दिन पहले 3 अप्रैल को उनकी कार को रोकने के बाद उन पर हमला किया और 25 लाख रुपये की राशि की लूटपाट की।

पुलिस ने कई लोगों को गिरफ्तार किया और जांच के दौरान भाजपा की युवा शाखा के पूर्व कोषाध्यक्ष सुनील डी. नाइक का भी नाम सामने आया। नाइक प्रदेश भाजपा अध्यक्ष के. सुरेंद्रन का करीबी सहयोगी हैं। गिरफ्तार लोगों से पूछताछ में एक करोड़ रुपये से अधिक का खुलासा होने के बाद मामला चर्चा का प्रमुख विषय बन गया।

पुलिस ने बीजेपी के प्रदेश महासचिव, संगठन और आरएसएस के वरिष्ठ नेता एम. गणेशन और पार्टी के राज्य कार्यालय सचिव जी. गिरीशन से पूछताछ की।

सोमवार को विधानसभा में युवा कांग्रेस विधायक शफी परम्बिल ने इस मुद्दे पर चर्चा के लिए स्थगन प्रस्ताव के लिए लीव मांगी और विजयन सरकार को चेतावनी दी कि ऐसा कुछ भी करने का प्रयास नहीं किया जाना चाहिए, जिससे उनके लिए यह कहने का रास्ता साफ हो जाए कि इसे छिपाने के लिए बीजेपी और माकपा के बीच एक गुप्त समझौता किया गया है।

विजयन ने इसका जवाब देते हुए कहा कि कोडेकारा पुलिस स्टेशन ने इस बारे में मामला दर्ज कर लिया है और जांच शुरू हो गई है और जांच सही दिशा में आगे बढ़ रही है।

विजयन ने कहा कि अब तक, 96 गवाहों के बयान दर्ज किए गए हैं और 20 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। जो 3.5 करोड़ रुपये बरामद किए गए, उनमें से 1.1 करोड़ रुपये का सोना और मोबाइल बरामद किए गए हैं। प्रवर्तन निदेशालय ने विवरण मांगा था और उन्हें विवरण दिया गया है और वे इसकी भी जांच कर रहे हैं।

वहीं सतीसन ने कहा कि विजयन भाजपा या उसके किसी नेता का नाम बताने में विफल रहे।

सतीसन ने कहा, यह घटना दो महीने पुरानी है और पुलिस का कहना है कि 9.50 करोड़ रुपये हवाला का पैसा आया था, जिसमें से छह करोड़ रुपये विभिन्न जिलों में दिए गए थे। इसमें एक आरएसएस नेता धर्मराजन और अन्य भाजपा नेताओं का नाम सामने आया है। लेकिन विजयन ने अभी तक इसके बारे में कुछ भी नहीं बताया है। भाजपा और माकपा के बीच मुद्दों को सुलझाने के लिए कोई कदम नहीं होना चाहिए। हम सभी जानते हैं कि सात विधानसभा सीटों पर भाजपा और सीपीआई एम के बीच एक गुप्त चुनावी समझौता हुआ था। उनके पास कुछ चीजों को साबित करने के लिए रिकॉर्ड हैं।

इसके बाद विजयन उठे और अतीत में विस्तृत प्रकरणों का विवरण दिया जहां कांग्रेस और भाजपा मामलों को वापस लेने के लिए आमने सामने थे।

विजयन ने कहा कि अभी कुछ समय पहले कांग्रेस द्वारा इस मुद्दे को उठाने के बाद ईडी इतनी तेजी से आया (पिछले साल दर्ज किए गए सोने और डॉलर की तस्करी के मामलों का जिक्र करते हुए) और चूंकि यह एक पका हुआ मामला था, गति थी। जबकि यह मामला ऐसा नहीं है और इसलिए इसमें समय लगेगा। अब जब आपने कहा है कि आपके पास कुछ चीजों को साबित करने के लिए दस्तावेज हैं, तो कृपया इसे सार्वजनिक करें।

इस बीच त्रिशूर में नाराज राज्य स्तरीय भाजपा नेता ए.एन. राधाकृष्णन ने कहा कि पुलिस अब इस मामले में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष के. सुरेंद्रन के बेटे को पूछताछ के लिए बुलाने की कोशिश कर रही है और यह प्रतिशोध के अलावा और कुछ नहीं है। अच्छा होगा कि पुलिस इस तरह की रणनीति का सहारा न ले।

–आईएएनएस

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