फर्जी जाती प्रमाणपत्र के मामले में भाजपा नगरसेवक को प्रशासन का ‘अभय’

शिवसेना ने लगाया कार्रवाई में टालमटोल व प्रशासन पर सियासी दबाव का आरोप

पिंपरी। पुणे समाचार ऑनलाइन

अनुसूचित जाति प्रवर्ग से चुने गए भाजपा नगरसेवक का जाति पडतालनी प्रमाणपत्र अवैध करार दिए जाने के बावजूद सत्ताधारी दल के दबाव के चलते पिंपरी चिंचवड़ मनपा प्रशासन द्वारा कार्रवाई को लेकर टालमटोल की जा रही है। यह आरोप शिवसेना ने बुधवार को एक संवाददाता सम्मेलन में लगाया। इतना ही नहीं भाजपा नगरसेवक के खिलाफ दावा दाखिल करने वाले शिवसेना के प्रत्याशी पर दबाव बनाया जा रहा है, उसकी बदनामी की जा रही है, यह आरोप भी शिवसेना ने लगाया है। इस मौके पर पार्टी के शहरप्रमुख योगेश बाबर, महिला संगठक सुलभा उबाले, अभिमन्यु लांडगे, एड सुनील माने, एड एस जे वालके आदि मौजूद थे।

मनपा चुनाव में चिखली प्रभाग को अनुसूचित जाति प्रवर्ग हेतु आरक्षित सीट से कुंदन गायकवाड़ भाजपा के नगरसेवक चुने गए हैं। उनके खिलाफ शिवसेना की ओर से चुनाव लड़नेवाले नितिन रोकड़े ने उनका जाति पडतालनी प्रमाणपत्र फर्जी रहने की शिकायत की है। चुनाव के नतीजे घोषित होने के छः माह के भीतर जाति पडतालनी प्रमाणपत्र पेश करना जरूरी है। अगस्त 2017 में बुलढाणा के उपविभागीय अधिकारी ने गायकवाड़ द्वारा इसके लिए की गई अर्जी को खारिज कर दिया और उनका प्रमाणपत्र अवैध करार दिया। मनपा प्रशासन को ईमेल से इसकी जानकारी भी दी, मगर प्रशासन ने इसे नजरअंदाज कर दिया। इससे गायकवाड़ को उच्च न्यायालय से स्थगिति आदेश प्राप्त करने में आसानी हो गई। अदालत में भी मनपा द्वारा सुनवाई में जानबूझकर विलंब किया जा रहा है। गायकवाड़ सत्तादल के नगरसेवक रहने से भाजपा के दबाव में प्रशासन कार्रवाई को लेकर टालमटोल कर रहा है, यह आरोप शिवसेना के शहरप्रमुख योगेश बाबर ने लगाया।