यहां आने के बाद मीडिया से बात करते हुए अब्दुल्ला ने कहा, हमें किसी नतीजे पर अभी ही नहीं पहुंचना चाहिए कि केंद्र जम्मू-कश्मीर में जमीन पर मौजूद अविश्वास को दूर करने के लिए तैयार है या नहीं।
उन्होंने कहा, मैंने उनसे कहा कि पहले प्रधानमंत्री ने हमसे जनमत संग्रह का वादा किया था, लेकिन फिर उससे मुकर गए। नरसिम्हा राव ने स्वायत्तता का वादा किया था और कहा था कि आकाश की सीमा है। वह स्वायत्तता कहां है? मैं आपको स्पष्ट रूप से बता दूं कि यहां अविश्वास का एक स्तर है जिसे हटाना होगा। केंद्र इसे कैसे हटाता है, यह उन्हें तय करना है।
यह पूछे जाने पर कि क्या केंद्रीय नेतृत्व के साथ दूसरी बैठक होगी? फारूक अब्दुल्ला के बेटे और जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला, जो राष्ट्रीय राजधानी में सर्वदलीय बैठक में भाग लेने वाले कश्मीरी नेताओं के प्रतिनिधिमंडल का भी हिस्सा थे, ने कहा, अभी कुछ तय नहीं है।
–आईएएनएस
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