दमकल अधिकारी खिशा खोई मरमा ने समाचार एजेंसी डीपीए को बताया कि कुतुपलोंग शरणार्थी शिविर के पास बाजार में आग लगने के बाद 20 दुकानों में से एक में ये शव मिले।
यह दुर्घटना राजधानी ढाका से लगभग 325 किलोमीटर दक्षिण-पूर्व में जिले में रोहिंग्या शरणार्थी शिविरों के पास हुई।
मरमा ने कहा कि मरने वालों की उम्र 20 से 25 के बीच है और कपड़े की दुकान पर काम करते थे, जो नष्ट हो गया।
उन्होंने कहा कि जब आग लगी तब संभवत: ये लोग दुकान के अंदर सो रहे थे।
स्थानीय अग्निशमन सेवा और लोक सुरक्षा विभाग के प्रमुख इमदादुल हक के अनुसार, आग लगने के पीछे का कराण इलेक्ट्रिकल फॉल्ट हो सकता है।
हक ने कहा कि आग के कारणों का पता लगाने के लिए एक जांच शुरू की गई है।
संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी के अनुसार, पिछले महीने, एक भीषण आग ने चार शरणार्थी शिविरों को नष्ट कर दिया, जिसमें कम से कम 15 लोग मारे गए और 45,000 से अधिक लोग बेघर हो गए।
बौद्ध बहुल म्यांमार में उत्पीड़न के बाद 10 लाख से अधिक रोहिंग्या मुसलमान कॉक्स बाजार में 3,000 हेक्टेयर भूमि पर बनाए गए 34 शिविरों में रह रहे हैं।
–आईएएनएस
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