बाबरी मस्जिद केस से दूर रहेंगे सिब्बल!

नई दिल्ली:

अगले साल होने वाले लोकसभा चुनावों को देखते हुए कांग्रेस भी अपनी रणनीति को आकार देने में जुट गई है। इसी के तहत यह फैसला लिया गया है कि वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल बाबरी मस्जिद केस से दूर रहेंगे। हालांकि इस संबंध में आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है, लेकिन सूत्र इस बात की पुष्टि कर रहे हैं कि सिब्बल को सुनवाई में उपस्थित न होने के लिए कहा गया है। यह भी माना जा रहा है कि आगे भी वह सुनवाई से दूर रह सकते हैं। हालांकि मुस्लिम याचिकाकर्ताओं का कहना है कि यह एक अस्थायी ब्रेक है। गौरतलब है कि सिब्बल इस केस में सुन्नी वक्फ बोर्ड की तरफ से पैरवी कर रहे हैं। याचिकाकर्ताओं का कहना है कि कांग्रेस पार्टी की ओर से सिब्बल को किसी प्रकार का निर्देश मिला है, ऐसी उन्हें जानकारी नहीं है।

क्या है वजह 
वहीं, केस में एक प्रमुख वकील और ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य जफरयाब जिलानी का कहना है कि संवैधानिक मसलों पर बहस करने के लिए हमें सिब्बल की जरूरत है। मालूम हो कि गुजरात चुनाव के दौरान सिब्बल को लेकर एक विवाद पैदा हो गया था। दरअसल सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट से मांग की थी कि इस संवेदनशील मामले की सुनवाई को 2019 के लोकसभा चुनावों तक रोक देना चाहिए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस तर्क के सहारे कांग्रेस पार्टी पर निशाना साधा था। उन्होंने कहा था कि क्या राज्य में चुनाव प्रचार के दौरान यह पार्टी का आधिकारिक रुख है।

छवि बदलने की कोशिश 
अब कर्नाटक चुनाव काफी नजदीक हैं और अगले साल लोकसभा चुनाव होने वाले हैं, ऐसे में कांग्रेस काफी संभलकर चल रही है। हाल ही में पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने भी कहा था कि भाजपा कांग्रेस को एक मुस्लिम पार्टी के तौर पर पेश करने में सफल हो गई। लिहाजा यह माना जा रहा है कि कांग्रेस ने अपनी छवि बदलने के लिए सिब्बल को बाबरी मस्जिद केस से दूर रहने को कहा है।