प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि बाबा साहेब ने समान अवसरों की बात की थी, समान अधिकारों की बात की थी। आज देश जनधन खातों के जरिए हर व्यक्ति का आर्थिक समावेश कर रहा है। डीबीटी के जरिए गरीब का पैसा सीधा उसके खाते में पहुंच रहा है। बाबा साहेब के जीवन संदेश को जन-जन तक पहुंचाने के लिए भी आज देश काम कर रहा है। बाबा साहेब से जुड़े स्थानों को पंच तीर्थ के रूप में विकसित किया जा रहा है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि जब नॉलेज आती है, तब ही सेल्फ रेस्पेक्ट भी बढ़ती है। सेल्फ रेस्पेक्ट से व्यक्ति अपने अधिकार के लिए जागरूक होता है और समान अधिकार से ही समाज में समरसता आती है, और देश प्रगति करता है। डॉक्टर आंबेडकर कहते थे- मेरे तीन उपास्य देवता हैं। ज्ञान, स्वाभिमान और शील।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हर स्टूडेंट का अपना एक सामथ्र्य होता है, क्षमता होती है। इन्हीं क्षमताओं के आधार पर स्टूडेंट्स और टीचर्स के सामने तीन सवाल भी होते हैं। पहला- वो क्या कर सकते हैं? दूसरा- अगर उन्हें सिखाया जाए, तो वो क्या कर सकते हैं? और तीसरा- वो क्या करना चाहते हैं?
–आईएएनएस
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