भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की रविवार को समाप्त हुई दो दिवसीय राज्यस्तरीय कार्यसमिति की बैठक में निचले स्तर पर जहां संगठन को मजबूत करने पर बल दिया गया वहीं पंचायत चुनाव में कार्यकर्ताओं को मदद देने की भी घोषणा की गई।
बैठक में पार्टी की तरफ से अहम ऐलान किया गया कि आगामी बिहार पंचायत चुनावों में भाजपा जिला परिषद के चुनाव में योग्य प्रत्याशियों को पार्टी की ओर से समर्थन दिया जाएगा। बिहार भाजपा प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल के इस घोषणा को बिहार की सियासत, मुख्य तौर पर ग्रामीण स्तर पर होने वाले पंचायत चुनावों की राजनीति पर गहरा असर पड़ने की संभावना जाहिर की है।
वैसे बिहार में पंचायत चुनाव पार्टियों के आधार पर नहीं होते हैं। वहीं कहा जा रहा है कि यदि भाजपा कार्यकर्ता पंचायत चुनाव में किसी भी पद पर चुनाव लड़ते हैं, तो इसमें भाजपा की ओर से उन्हें पूरी मदद दी जाएगी।
भाजपा के एक नेता कहते हैं कि इसके लिए निचले स्तर तक के सभी कार्यकर्ताओं को पूरी तरह से तैयार किया जाएगा। सभी स्तर के कार्यकर्ताओं को कहा कि वे हर स्तर के चुनाव में खड़े हो और अधिक से अधिक संख्या में सीटें जीतने के लिए पूरजोर कोशिश करें।
इधर, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) भी नई रणनीति बनाई है और इस पर जोरदार तरीके से काम भी कर रही है। राजद के एक नेता की मानें तो पार्टी जल्दी ही इस बारे में औपचारिक तौर पर निर्देश भी जारी करने जा रही है कि राज्य में होने वाली पंचायत चुनाव में प्रत्याशी बनते समय पार्टी के कैडर आपस में तालमेल बनाकर चुनावी मैदान में उतरें।
कहा गया है कि कार्यकर्ता एक-दूसरे के सामने चुनावी मैदान में न उतरें जिससे राजद का कब्जा अधिक से अंधिक सीटों पर हो सके।
सूत्रों का कहना है कि पार्टी जिसे समर्थन देने की घोषणा करे उसके समर्थन में संबंधित पंचायत या वार्ड के नेता और कार्यकर्ता भी आएं, जिससे पार्टी की पंचायती राज संस्थाओं पर भी मजबूत पकड़ हो सके।
राजद नेताओं का दावा है कि पिछले पंचायत चुनाव में अधिकतर पंचायती राज संस्थाओं पर राजद का कब्जा रहा है। इस विषय में हालांकि राजद द्वारा अभी तक कोई अधिकारिक घोषणा नहीं की गई है।
राजद के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी भी कहते हैं कि राजद का संगठन बिहार में सबसे मजबूत है। बिहार में पंचायत चुनाव दलीय आधार पर नहीं होते हैं, लेकिन पंचायत चुनाव में कार्यकर्ता उतरते हैं। ऐसे में पार्टी की रणनीति होगी कि उसके कार्यकर्ता अधिक से अधिक संख्या में जीते।
बिहार में पंचायत चुनाव अप्रैल-मई में संभावित है।
–आईएएनएस
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