बीसीसीआई एजीएम : जौहरी का मी टू, करीम के ऐप संभालने पर हो सकती है चर्चा

नई दिल्ली, 30 नवंबर (आईएएनएस)| भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के नए अधिकारी राज्य संघों के प्रतिनिधियों के साथ रविवार को यहां बोर्ड के मुख्यालय में 88वीं वार्षिक आम बैठक (एजीएम) में हिस्सा लेंगे। इस बैठक में 12 मुद्दों पर चर्चा होनी है और इनमें से एक मुद्दा बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) राहुल जौहरी पर लगे यौन शोषण आरोप का मुद्दा भी शामिल हो सकता है।

इसके अलावा महाप्रबंधक (क्रिकेट संचालन) सबा करीम का बोर्ड की स्कोरिंग ऐप संभालने पर भी बैठक में चर्चा हो सकती है।

एक अधिकारी ने आईएएनएस को बताया कि अभी कुछ भी तय नहीं है, लेकिन जौहरी के मुद्दे पर चर्चा की जा सकती है।

अधिकारी ने कहा, “प्रशासकों की समिति (सीओए) ने जिस तरह से यौन शोषण के पूरे मुद्दे को संभाला उसने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। इसलिए हो सकता है कि इसे दोबारा देखा जाए।”

जहां तक बीसीसीआई की ऐप की बात है जो करीम के मार्गदर्शन में संचालित है, अधिकारियों को इस ऐप के डिजाइन में बदलाव समझ में नहीं आया है और इससे कई तरह की गलत जानकारी जा रही है।

अधिकारी ने कहा, “ऐप और स्कोरिंग सिस्टम पांच साल से अच्छा काम कर रहा था और उस चीज में बदलाव करने का कोई कारण नहीं है जो अच्छा चल रहा हो।”

वहीं सूत्रों की मानें तो नई सलाहकार समिति (सीएसी) का भी गठन किया जाएगा जिसमें सचिन तेंदलुकर और वीवीएस. लक्ष्मण की वापसी हो सकती है।

सचिन, लक्ष्मण बीसीसीआई के मौजूदा अध्यक्ष सौरभ गांगुली के साथ पहली सीएसी में थे।

सूत्र ने बताया, “सचिन और लक्ष्मण की वापसी हो सकती है। चूंकि सौरभ गांगुली बीसीसीआई अध्यक्ष हैं ऐसे में वह इसमें नहीं हो सकते।”

पहली सीएसी ने भारतीय पुरुष टीम के कोच का चयन किया था, लेकिन महिला टीम के कोच की नियुक्त से अपने हाथ खींच लिए थे जिसका कारण हितों के टकराव को लेकर मचा बवाल था।

साथ ही अधिकारियों ने फैसला लिया है कि सचिव के पद पर भी चर्चा होगी क्योंकि उन्हें लगताी है कि रोजमर्रा का काम सीईओ द्वारा देखा जाता है और पावर अब अधिकारियों के पास वापस आनी चाहिए।

हाल ही में दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ (डीडीसीए) के अध्यक्ष रजत शर्मा के इस्तीफा देने के बाद विनोद तिहारा एजीएम में डीडीसीए का प्रतिनिधित्व कर सकते हैं।

सूत्रों की मानें तो एजीएम में राज्य संघों के लिए कूलिंग ऑफ पीरियड को भी हटाया जा सकता है और समिति तथा उप समिति में 70 साल की उम्र सीमा को लेकर भी बदलाव किए जा सकते हैं।