भारत-चीन उच्चस्तरीय आर्थिक वार्ता तंत्र स्थापित करेंगे

महाबलीपुरम, 12 अक्टूबर (आईएएनएस)| भारत के विदेश सचिव विजय गोखले ने शनिवार को कहा कि भारत और चीन के बीच द्विपक्षीय व्यापारिक समस्याएं सुलझाने के लिए दोनों देश शीर्ष स्तरीय आर्थिक और व्यापार तंत्र स्थापित करेंगे। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच अभी तक हुई दो अनौपचारिक वार्ताओं को सार्थक करने के लिए दोनों देशों में एक साल से भी कम समय के अंदर आधिकारिक स्तर पर कार्रवाई की जाएगी।

वे भारत-चीन के बीच यहां 11-12 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच संपन्न हुए दूसरे अनौपचारिक शिखर सम्मेलन में लिए गए निर्णयों के बारे में मीडिया को जानकारी दे रहे थे।

दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार और अधिकतर भारत पर आरोपित किए जाने वाले व्यापारिक घाटे से संबंधित प्रश्न पर उन्होंने कहा कि शी का कहना है कि उनका देश व्यापारिक घाटे को कम करने के मुद्दे को आगे ले जाने के लिए तैयार है।

गोखले ने कहा कि दोनों देशों ने भारत के वित्तमंत्री एस. जयशंकर और चीन के उपप्रधानमंत्री की अगुआई में नया उन्नत तंत्र गठित करने का निर्णय लिया है। इस तंत्र में व्यापारिक घाटा कम करने, द्विपक्षीय निवेश बढ़ाने और निर्माण संबंधी चर्चा की जाएगी।

भारत और चीन में लगभग 87 अरब डॉलर का द्विपक्षीय व्यापार होता है।

गोखले के अनुसार, चीन के राष्ट्रपति ने मोदी को बताया है कि उनका देश फार्मा और सूचना प्रौद्योगिकी के सेक्टरों में भारतीय निवेश को आमंत्रित करता है।

अमेरिका-चीन व्यापार युद्ध और भारत-चीन व्यापार पर गोखले ने कहा कि दोनों में सीधा संबंध नहीं है।

गोखले ने कहा कि भारतीय बाजारों के लिए चीन और चीनी कंपनियों के भारत महत्वपूर्ण बाजार है।

जलवायु परिवर्तन पर मोदी और जिनपिंग ने इस संबंध में अपने-अपने देशों में उठाए गए कदमों की जानकारी दी।

मोदी ने कहा कि उन्होंने शी से कश्मीर मुद्दे पर चर्चा नहीं की, क्योंकि भारत का स्पष्ट रुख है कि कश्मीर उसका आंतरिक मुद्दा है।

गोखले ने कहा कि कट्टरता आपसी चिंता का विषय है, लेकिन आतंकवाद पर कोई विशेष चर्चा नहीं हुई।

गोखले ने कहा कि मोदी और शी- दोनों नेताओं ने आतंकवाद के खतरे को स्वीकार किया। बड़े और विविधता से परिपूर्ण देशों के तौर पर उन्होंने आतंकवादी संगठनों का समर्थन करने, उन्हें प्रशिक्षण देने, उनकी वित्तीय सहायता देने के खिलाफ सशक्त कार्रवाई करने में अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को मजबूत करने के लिए लगातार प्रयास करने की जरूरत स्वीकार की।

उन्होंने कहा कि शी ने हाल ही में चीन दौरे से लौटे पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के बारे में बात की।

दोनों देशों द्वारा इन निर्णयों पर कार्यवाही करने संबंधी समय-सीमा पर गोखले ने कहा कि यह एक साल से भी कम समय में पूरे हो जाएंगे।

उन्होंने कहा कि शी ऐसी अनौपचारिक वार्ताओं के परिणामों से संतुष्ट हैं और तीसरी वार्ता के लिए मोदी को चीन का आमंत्रण दिया है।

उन्होंने कहा कि मोदी ने आमंत्रण स्वीकार कर लिया है और इसकी तारीखें बाद में तय की जाएंगी।

शी से वार्ता के दौरान मोदी ने भारत और चीन के बीच आतंकी गतिविधियां बढ़ने के संबंध में बात की। साथ ही मोदी ने दोनों देशों में अंतर्वैयक्तिक संबंध बढ़ने पर भी बात की।

मोदी और शी ने दोनों देशों की सेनाओं में आपसी विश्वास बढ़ाने के लिए कदम उठाने पर सहमति जताई। इसके बाद शी ने भारत के विदेश मंत्री को चीन का दौरा करने का आमंत्रण दिया।

दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों के 70 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में दोनों देशों में 35-35 कार्यक्रम होंगे।