बिश्केक, 13 जून (आईएएनएस)| चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कहा कि व्यापार असंतुलन को ठीक करने के लिए चीन ने भारत से कुछ वस्तुएं आयात करने के लिए नियमों को सरल बनाया है।
उन्होंने कहा कि वह आगे नियमों को और सरल बनाने की दिशा में कदम उठाएंगे।
यह बात भारत के विदेश सचिव विजय गोखले ने यहां बताई। वह मोदी और शी के बीच द्विपक्षीय वार्ता के बाद मीडिया को इसकी जानकारी दे रहे थे।
मोदी ने शी को इस साल भारत में अनौपचारिक शिखर सम्मेलन के लिए आमंत्रित किया। शी ने आमंत्रण स्वीकार करते हुए कहा कि वह रिश्तों को मजबूत बनाने के लिए आगे दौरा करने का इंतजार कर रहे हैं।
विदेश सचिव ने बताया कि मोदी और शी ने इस बात पर सहमति जताई कि भारत और चीन के रिश्तों को नई ऊंचाई पर ले जाने के लिए दोनों देशों के पास कई मुद्दों और समस्याओं का समाधान करने के ऐतिहासिक अवसर हैं।
दोनों नेताओं के बीच इस मुलाकात को अपेक्षाकृत संक्षिप्त लेकिन सारगर्भित बताते हुए उन्होंने कहा कि व्यापार असंतुलन के संदर्भ में व्यापार पर थोड़ी बातचीत हुई।
भारत और चीन के बीच व्यापार चीन के पक्ष में जाता है, मतलब चीन से भारत ज्यादा आयात करता है जबकि चीन भारत से कम आयात करता है।
विदेश सचिव ने कहा कि चीन ने गैर-बासमती चावल और चीनी जैसी कुछ वस्तुओं के आयात के लिए नियमों को सरल बनाया है जिसके फलस्वरूप चीन को भारत से निर्यात में तेजी आएगी।
गोखले ने कहा कि चीनी राष्ट्रपति ने प्रधानमंत्री से कहा कि ये शुरुआती कदम हैं और वह व्यापार असंतुलन को दूर करने के लिए आगे फिर कदम उठाएंगे।
उन्होंने कहा, “दोनों पक्ष इस बात से सहमत थे कि हमें अगले कुछ महीनों में देखना है कि दोनों पक्षों के बीच वार्ता में महत्वपूर्ण प्रगति को प्राप्त किया जा सकता है।”
मोदी और शी के बीच सीमा के सवाल पर भी संक्षिप्त वार्ता हुई और उन्होंने वहां मौजूद दोनों देशों के विशेष प्रतिनिधियों से मसले का उचित, तर्कसंगत और परस्पर स्वीकार्य हल तलाशने की प्रक्रिया तेज करने को कहा।
बैठक में इस बात का भी जिक्र किया गया कि वर्ष 2020 भारत और चीन के बीच राजनयिक संबंधों की स्थापना का 70वां साल होगा।
इस संदर्भ में प्रधानमंत्री ने कहा कि इसे यथोचित तरीके से उल्लेखनीय बनाया जाना चाहिए।
यह फैसला लिया गया कि दोनों देश 70 कार्यक्रमों का आयोजन करेंगे जिनमें प्रत्येक देश में 35-35 कार्यक्रम होंगे। इस संबंध में दोनों देशों के विदेश मंत्रियों को बातचीत करने को कहा गया है।
गोखले ने कहा कि दोनों नेताओं (मोदी और शी) के बीच बातचीत की श्रंखला की यह शुरुआत है। उन्होंने बताया कि आगे जी-20 शिखर सम्मेलन में उनकी मुलाकात होगी। इसके बाद भारत में अनौपचारिक शिखर सम्मेलन से पहले ब्रिक्स सम्मेलन में उनकी मुलाकात होगी।