भारत, भूटान घनिष्ठ समन्वयन, संबंध बढ़ाने पर सहमत

 थिम्पू, 18 अगस्त (आईएएनएस)| भारत और भूटान एक दूसरे की सुरक्षा और राष्ट्रीय हितों से संबंधित मामलों पर घनिष्ठ समन्वयन बनाए रखने पर सहमत हुए हैं।

  दोनों देशों ने जल विद्युत विकास को आपसी लाभकारी सहयोग का एक महत्वपूर्ण क्षेत्र बताया है। दोनों देशों ने यह प्रतिबद्धता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दो दिवसीय भूटान यात्रा के दौरान दोहराई। मोदी की यात्रा रविवार को समाप्त हो गई। मोदी प्रधानमंत्री के रूप में दूसरी बार और अपने दूसरे कार्यकाल में पहली बार भूटान की यात्रा पर थे।

भारतीय विदेश मंत्रालय की तरफ से रविवार को जारी एक बयान के अनुसार, मोदी और भूटान के प्रधानमंत्री लोटय त्शेरिंग ने द्विपक्षीय संबंधों के सभी पहलुओं के साथ ही अन्य क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय घटनाक्रमों की समीक्षा की।

मोदी ने भूटान के आर्थिक और अवसंरचना विकास को आगे बढ़ाने के प्रति भारत की बचनबद्धता दोहराई, जबकि त्शेरिंग ने 12वीं पंचवर्षीय योजना में मदद के लिए नई दिल्ली को धन्यवाद दिया। उन्होंने भूटान के विकास में भारत के योगदान की भी सराहना की।

हाल ही में पूरा हुए 720 मेगावाट क्षमता वाले मैंगदेछु जलविद्युत संयंत्र का उद्घाटन करते हुए उन्होंने उपलब्धि पर संतोष जाहिर किया और पुनतसांगछु-1, पुनतसांगछु-2 और खोलोंगछु जैसी अन्य परियोजनाओं को तेजी से पूरा करने के लिए काम जारी रखने का संकल्प लिया।

दोनों नेताओं ने संकोष रिजर्वायर जलविद्युत परियोजना पर द्विपक्षीय चर्चा की भी समीक्षा की। दोनों देशों को भारी लाभ को देखते हुए दोनों नेताओं ने परियोजना को पूरा करने के तौर-तरीके को जल्द से जल्द अंतिम रूप देने पर सहमति जताई, ताकि उसका निर्माण कार्य शुरू हो सके।

दोनों प्रधानमंत्रियों नें जलविद्युत क्षेत्र में आपस में लाभकारी भारत-भूटान सहयोग के पांच दशक होने की स्मृति में भूटानी स्टैंप भी संयुक्त रूप से जारी किए।

बयान में कहा गया है कि उन्होंने भूटान में भारतीय रुपे कार्ड के इस्तेमाल की सुविधा भी लांच की, जिससे भूटान की यात्रा करने वाले भारतीयों को नकदी ले जाने के झंझट से मुक्ति मिलेगी, भूटानी अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा और दोनों देशों की अर्थव्यवस्थाओं का जुड़ाव बढ़ेगा।