भारत में ई-वाहनों की मांग 3 साल में दोगुनी से ज्यादा

नई दिल्ली, 16 मार्च (आईएएनएस)। इलेक्ट्रिक वाहनों की गिरती कीमतों के बाद अब देश में इलेक्ट्रिक वाहन को अपनाने का चलन बढ़ रहा है। सरकारी सहायता मांग को बढ़ा रही है और इन ग्रीन व्हीकल्स को अपनाने में लगातार वृद्धि हो रही है।

लोकसभा में मंगलवार को ई-वाहनों पर एक प्रश्न के लिखित उत्तर में भारी उद्योग राज्यमंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि पिछले तीन वर्षों के दौरान ई-वाहन पोर्टल के अनुसार, पंजीकृत इलेक्ट्रिक वाहनों की संख्या में लगातार वृद्धि देखी गई है।

वर्ष 2017-18 के दौरान भारत में बेची गई इलेक्ट्रिक वाहनों की संख्या जहां 69,012 यूनिट्स थी, वहीं 2018-19 में यह संख्या बढ़कर 143,358 यूनिट्स तक पहुंच गई और 2019-20 में बढ़कर 167,041 यूनिट हो गई। इस संख्या में दोपहिया, तीन पहिया और बस शामिल हैं, लेकिन दोपहिया वाहनों की बिक्री में खासी बढ़ोतरी हुई है।

मंत्री ने सदन को सूचित किया कि इलेक्ट्रिक वाहनों और आईसीई (आंतरिक दहन इंजन) वाहनों के बीच अंतर को कम करने के लिए फेम इंडिया योजना चरण के तहत मांग प्रोत्साहन के माध्यम से इलेक्ट्रिक वाहनों का समर्थन किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि सरकार देश में इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए कई अन्य कदम भी उठा रही है। इलेक्ट्रिक वाहनों पर जीएसटी 12 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत कर दिया गया है। इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए चार्जर्स/चार्जिग स्टेशनों पर जीएसटी 18 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत कर दिया गया है।

इसके अलावा, विद्युत मंत्रालय ने इलेक्ट्रिक वाहनों की चार्जिग के लिए सेवा के तौर पर बिजली की बिक्री की अनुमति दी है। मंत्री ने कहा कि इससे बुनियादी ढांचे में निवेश को आकर्षित करने के लिए बहुत बड़ा प्रोत्साहन मिलेगा।

सरकार ने इथेनॉल और मेथनॉल ईंधन पर चलने वाले परिवहन वाहन और बैटरी संचालित परिवहन वाहनों को परमिट की जरूरत से भी छूट दी है।

वित्तवर्ष 2019-20 के बजट में वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद के लिए, लिए गए ऋण पर बनने वाले ब्याज पर 1.5 लाख रुपये की अतिरिक्त आयकर कटौती का प्रावधान करने की घोषणा की।

इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए, सरकार ने वाहनों को हाइब्रिड इलेक्ट्रिक सिस्टम या इलेक्ट्रिक किट के रेट्रो-फिटमेंट के लिए अधिसूचित किया है और इलेक्ट्रिक हाइब्रिड वाहनों के प्रकार की अनुमोदन प्रक्रिया को निर्दिष्ट किया है।

वहीं सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने 4.0 किलोवाट तक के गियरलेस ई स्कूटर/बाइक को चलाने के लिए 16 से 18 वर्ष की आयु के लड़कों एवं लड़कियों को लाइसेंस प्रदान करने के लिए कुछ विशिष्टताओं को भी अधिसूचित किया है।

इसके अलावा, आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय ने निजी और व्यावसायिक भवनों में इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिग स्टेशन प्रदान करने के लिए शहरी और क्षेत्रीय विकास योजना निर्माण और कार्यान्वयन (यूआरडीपीएफआई) दिशानिर्देशों में संशोधन किया है।

–आईएएनएस

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