भारत व चीन को करीब लाने का जरिया है योग : राजदूत मिस्री

बीजिंग, 19 अगस्त (आईएएनएस)| चीन में भारत के राजदूत ने कहा कि योग भारत व चीन को करीब लाने का जरिया है। उन्होंने कहा कि यही वजह है कि बागबानी एक्सपो में भारतीय उद्यान की थीम योग पर केंद्रित की गई है। मिस्री ने चाइना रेडियो इन्टरनेशनल (सीआरआई) से बातचीत में कहा, “हमारा हमेशा मानना है कि प्रकृति और मानव के बीच में जो रिश्ता है, वह एक बहुत ही महत्वपूर्ण रिश्ता है। उसी को दर्शाने के लिए एक्सपो में जो भारतीय बाग स्थापित किया गया है, उसमें वो सभी चीजें मौजूद हैं। जैसे कि स्टेप-वेल (बावड़ी) लगाया है, जो बौद्ध धर्म की सीख को बताता है। इसके साथ ही दूसरी आर्ट एंड क्राफ्ट वाली वस्तुएं भी यहां प्रदर्शित की गई हैं।”

पेइचिंग में अप्रैल से बागबानी एक्सपो जारी है, जिनमें विश्व के कई देश हिस्सा ले रहे हैं। भारत भी एक महत्वपूर्ण भागीदार के रूप में इस एक्सपो में शिरकत कर रहा है। भारत का उद्यान लोगों के बीच सबसे अधिक लोकप्रिय उद्यानों में से एक है। इस एक्सपो में लगभग 110 देशों के उद्यान लगे हैं, लेकिन इंडिया गार्डन को देखने के लिए सबसे अधिक दर्शक आ रहे हैं।

योग को उद्यान की थीम व इंटरनेशल योग दिवस को लेकर विक्रम मिस्री कहते हैं, “हमने पेइचिंग और चीन के कई शहरों में योग दिवस मनाया। हम देख रहे हैं कि चीन में बड़ी संख्या में लोग योग के प्रति रुचि दर्शा रहे हैं। चीन में योग सिखाने के लिए बहुत से संस्थान भी खुले हुए हैं। यह चीन व भारत को एक-दूसरे के ज्यादा नजदीक लाने का एक और तरीका है। हम चाहते थे कि उसकी एक झलक इस उद्यान में भी हो, इसी वजह से आप यहां भी योग की थीम देख सकते हैं।”

इसके साथ ही भारतीय उद्यान राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जयंती से भी जुड़ा हुआ है। गांधी जी प्रकृति के साथ सद्भाव रखने की मजबूत वकालत किया करते थे। इसके साथ ही वे पारंपरिक भारतीय ग्रामीण जीवन-शैली के भी प्रबल समर्थक थे, जो कि नवीकरणीय साधनों के दीर्घकालिक इस्तेमाल पर आधारित है। मिस्री ने गांधी जी के प्रसिद्ध कथन का भी उल्लेख किया कि प्रकृति हर किसी व्यक्ति की जरूरत को पूरा सकती है, लेकिन लालसा को नहीं।

(साभार-चाइना रेडियो इंटरनेशनल, पेइचिंग)