मई-अक्टूबर के बीच निर्यात की जाएंगी 34,964 इकाइयां: रेनॉल्ट निसान ऑटोमोटिव

चेन्नई, 26 मई (आईएएनएस)। फ्रेंको-जापानी संयुक्त उद्यम कार निर्माता रेनॉल्ट निसान ऑटोमोटिव इंडिया लिमिटेड ने कोविड के प्रसार को रोकने के लिए अपने संयंत्र को पांच दिनों के लिए बंद करने की घोषणा की है। कंपनी को मई-अक्टूबर 2021 के बीच निर्यात दायित्वों को पूरा करने के लिए 34,964 इकाइयों को रोल आउट करना होगा।

इसके अलावा, कंपनी को भारतीय खरीदारों के लिए 45,000 निसान मैग्नाइट और रेनॉल्ट किगर कारों की डिलीवरी करनी है।

रेनॉल्ट निसान ऑटोमोटिव फ्रांसीसी कंपनी रेनॉल्ट और जापान की निसान मोटर कंपनी के बीच कार निर्माण संयुक्त उद्यम है।

यहां कंपनी के पास का संयंत्र घरेलू और विदेशी बाजारों के लिए रेनॉल्ट और निसान वाहनों के विभिन्न ब्रांडों को रोल आउट करता है।

मंगलवार को कंपनी ने 26-30 मई के बीच संयंत्र को बंद करने और 31 मई को फिर से शुरू करने की घोषणा की, जब श्रमिक संघ ने 26 मई से काम के अनिश्चितकालीन बहिष्कार की घोषणा की थी।

रेनॉल्ट निसान इंडिया थोझीलालार संगम (आरएनआईटीएस) ने मद्रास उच्च न्यायालय में शिकायत की थी कि रेनॉल्ट निसान ऑटोमोटिव तमिलनाडु सरकार द्वारा दी गई छूट का फायदा उठाने की कोशिश कर रही है, यहां तक कि उत्पादन के स्तर को केवल इतना ही नीचे लाए बिना निर्यात प्रतिबद्धताओं को पूरा करने के लिए आवश्यक है।

रेनॉल्ट निसान ऑटोमोटिव के अनुसार उसे निर्यात बाजारों के लिए मई-अक्टूबर 2021 के बीच 34,964 कारों (रेनॉल्ट कारों 10,982, निसान कारों 23,982) को रोल आउट करना है।

कंपनी ने कोर्ट को यह भी बताया कि निर्यात आदेशों को पूरा करने में किसी भी तरह की देरी, जिसे अन्य के अलावा खाड़ी में बेड़े आधारित बाजारों में भेजने की आवश्यकता होती है, उसपर न केवल जुर्माना लगेगा बल्कि इसके अलावा वो अपना व्यापार को भी खो देगा।

कंपनी ने कहा कि आगे कार निर्यात को जहाजों को लोड करने के लिए अग्रिम योजना की आवश्यकता है जिससे विलंब शुल्क और अन्य बंदरगाह शुल्क न लगे।

कंपनी का निर्यात राजस्व 2018-19 में लगभग 4,615 करोड़ रुपये, 2019-20 में लगभग 5,500 करोड़ रुपये और 2020-21 में लगभग 3,159 करोड़ रुपये रहा।

आरएनआईटीएस के पदाधिकारियों ने आईएएनएस को बताया कि कंपनी प्रति घंटे उत्पादित इकाइयों की संख्या को 20 तक कम कर सकती है जिससे सामाजिक दूरी बना कर रखी जा सकती हैं।

उन्होंने कहा कि कम उत्पादन स्तर और तीन शिफ्टों में काम करने पर 75 फीसदी वॉल्यूम हासिल किया जा सकता है।

–आईएएनएस

एसएस/आरजेएस