मप्र भाजपा अपने नेताओं के पार्टी विरोधी बयानों पर रखेगी नजर

नई दिल्ली, 9 अगस्त (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) अपने नेताओं की टिप्पणियों और बयानों की जांच के लिए एक केंद्रीकृत निगरानी प्रणाली स्थापित कर रही है, ताकि राज्य नेतृत्व के खिलाफ बोलने वाले पार्टी नेताओं पर नजर रखी जा सके।

भाजपा के मध्य प्रदेश प्रभारी पी. मुरलीधर राव ने आईएएनएस को बताया कि राज्य के विभिन्न स्तरों पर पार्टी विरोधी टिप्पणियों या राज्य के नेताओं और संगठन पदाधिकारियों के बयानों की वास्तविक समय पर निगरानी रखने के लिए राज्य स्तर पर एक केंद्रीकृत निगरानी प्रणाली स्थापित की जाएगी।

राव ने नई प्रस्तावित निगरानी प्रणाली के उद्देश्य के बारे में बताते हुए कहा, भाजपा एक संगठन के रूप में पूरे राज्य में विकसित हुई और अब बहुत बड़ी हो गई है। जब आप इतना बड़ा संगठन चलाते हैं, तो आप मानवीय संघर्षों को देखते हैं और इन संघर्षों को दूर करने के लिए अपने आपको विकसित करने की आवश्यकता है। पूर्ण निवारण तंत्र, अन्यथा संगठन को समस्याओं का सामना करना पड़ेगा। नई योजना चिंताओं के त्वरित निवारण के लिए एक ऐसा ही प्रयास है।

पार्टी नेतृत्व या राज्य सरकार के खिलाफ टिप्पणियों की रीयल टाइम मॉनिटरिंग के लिए भोपाल में प्रौद्योगिकी आधारित निगरानी प्रणाली स्थापित की जाएगी। पार्टी नेताओं के बयानों की रियल टाइम मॉनिटरिंग के लिए भाजपा एक ऐप बनाने की भी योजना बना रही है।

राव ने कहा, यह वास्तव में एक ऐप नहीं है, बल्कि हमारे नेताओं द्वारा किए गए बयानों या टिप्पणियों की रीयल-टाइम निगरानी के लिए एक आधुनिक समय सक्षम उपकरण है, जो डैशबोर्ड में पॉपअप होगा। ऐसे टूल पहले से ही उपलब्ध हैं। हम इसे ऐप नहीं कह सकते, लेकिन यह हमारी पार्टी के नेताओं द्वारा की गई टिप्पणियों और बयानों की रीयल-टाइम निगरानी के लिए एक केंद्रीकृत चिंता और कमांड सेंटर है।

मई में, कई भाजपा विधायकों और वरिष्ठ नेताओं ने राज्य में शिवराज सिंह चौहान सरकार द्वारा कोविड प्रबंधन पर सवाल उठाया था। कट्टरपंथियों और असंतुष्ट तत्वों की टिप्पणियों की रीयल-टाइम निगरानी पार्टी को शर्मिदगी और कलह से बचने के लिए समय पर सुधारात्मक कदम या कार्रवाई करने में मदद करेगी।

भाजपा का प्रस्तावित केंद्रीकृत चिंता और कमांड सेंटर ब्लॉक से लेकर राज्य स्तर तक पार्टी की मध्य प्रदेश इकाई के एक-एक नेता की निगरानी करेगा। राव ने कहा, यह प्रणाली अवैयक्तिक और तटस्थ होगी और राज्य स्तर पर निगरानी की जाएगी।

–आईएएनएस

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