मप्र में महापौर का चुनाव पार्षद करेंगे

 भोपाल, 8 अक्टूबर (आईएएनएस)| मध्य प्रदेश में महापौर और नगर पालिका अध्यक्ष की चुनाव प्रक्रिया पर छाया कुहासा छंट गया है, क्योंकि राज्यपाल लालजी टंडन ने अप्रत्यक्ष प्रणाली से चुनाव कराए जाने के अध्यादेश को मंजूरी दे दी है।

  कांग्रेस ने जहां इसका स्वागत किया है, वहीं भाजपा ने विरोध दर्ज कराया है। राज्य में हुए सत्ता बदलने के बाद दिसंबर माह में होने वाले नगरीय निकाय चुनाव में नगर निगम महापौर और नगर पािलका अध्यक्ष का निर्वाचन पार्षदों के जरिए अर्थात अप्रत्यक्ष प्रणाली से कराए जाने का सरकार ने निर्णय लिया था और इसके लिए एक अध्यादेश पारित कर राज्यपाल टंडन के पास भेजा था। राज्यपाल ने अध्यादेश को रोक लिया था। इस पर सत्ता और विपक्ष दोनों ओर से एक-दूसरे पर हमले बोले जा रहे थे। इस बीच भाजपा की ओर से पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राज्यपाल से मुलाकात की थी तो सरकार की ओर से मुख्यमंत्री कमलनाथ व नगरीय प्रशासन मंत्री जयवर्धन सिंह ने टंडन से मुलाकात कर अपना पक्ष रखा था।

कांग्रेस प्रवक्ता अजय यादव ने मंगलवार को बताया, “राज्यपाल ने मध्य प्रदेश नगर पालिक विधि संशोधन अध्यादेश 2019 का अनुमोदन कर दिया है। अब राज्य में महापौर और अध्यक्ष के चुनाव पार्षद करेंगे। ऐसा होने से राज्य की विकास की गति तेज होगी।”

वहीं भाजपा के भोपाल के महापौर आलोक शर्मा ने इसका विरोध किया है। उनका कहना है, “यह अध्यादेश जनता के दो वोट के अधिकार को छीनने वाला है। मतदाता एक वोट से पार्षद और अन्य से महापौर को चुनता था, मगर इस अध्यादेश से ऐसा नहीं होगा।”