ममता कैबिनेट : अभियोजन का सामना कर रहे मंत्रियों ने ली शपथ

कोलकाता, 10 मई (आईएएनएस)। पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के चार पूर्व मंत्रियों के खिलाफ नारद स्टिंग मामले में मुकदमा चलाने की इजाजत दे दी है और इसके कुछ देर बाद ही इनमें से दो पूर्व मंत्रियों ने सोमवार को मंत्री पद की शपथ ली।

सीबीआई ने राज्यपाल जगदीप धनखड़ से नारद स्टिंग मामले में फरहाद हकीम, सुब्रत मुखर्जी, मदन मित्रा और सोवन चटर्जी के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए अनुमति मांगी थी। ये सभी उस समय मंत्री थे, जब कथित नारद स्टिंग टेप सामने आया था।

अब सुब्रत मुखर्जी और फरहाद हकीम ने नई बनी ममता बनर्जी सरकार में कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ली है। एक अन्य आरोपी मदन मित्रा ने चुनाव जीता है और सोवन चटर्जी ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल होने के लिए टीएमसी छोड़ दी थी और इसके बाद उन्होंने पार्टी नेतृत्व के साथ मतभेदों के कारण भाजपा भी छोड़ दी है।

धनखड़ ने सोमवार को राजभवन में शपथ ग्रहण समारोह के बाद मीडिया को बताया कि उन्होंने सीबीआई ने इसकी मांग की थी, इसलिए उन्होंने चार शीर्ष नेताओं के खिलाफ अभियोजन के लिए मंजूरी दे दी है।

राजभवन से मिली जानकारी के अनुसार, राज्यपाल कानून के संदर्भ में मंजूरी प्रदान करने के लिए सक्षम प्राधिकारी हैं, क्योंकि वे संविधान के अनुच्छेद 164 के संदर्भ में ऐसे मंत्रियों की नियुक्ति करते हैं।

बयान में कहा गया है कि राज्यपाल ने इन चार नेताओं के खिलाफ अभियोजन की मंजूरी तब दी, जब सीबीआई ने मामले से संबंधित सभी दस्तावेज मुहैया कराए। मालूम हो कि हाल ही में हुए विधानसभा चुनावों में हकीम, मुखर्जी और मित्रा एक बार फिर से टीएमसी के विधायक चुने गए हैं, जबकि भाजपा में शामिल होने के लिए टीएमसी छोड़ चुके चटर्जी ने दोनों ही दलों से नाता तोड़ लिया है।

बता दें कि नारद स्टिंग टेप पश्चिम बंगाल में 2016 के विधानसभा चुनावों से पहले सामने आई थी। बताया गया था कि ये स्टिंग 2014 में किया गया था। इस स्टिंग में कथित तौर पर टीएमसी नेताओं को रिश्वत लेते दिखाया गया था। स्टिंग में उस वक्त की टीएमसी सरकार में मंत्री फरहाद हकीम, सुब्रत मुखर्जी, मदन मित्रा और सोवन चटर्जी का नाम सामने आया था। ये चारों 2014 में ममता बनर्जी के कैबिनेट में मंत्री थे।

वहीं दूसरी ओर पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने सोमवार को शपथ ग्रहण समारोह के बाद लोकतंत्र की नसीहतें भी दी। राज्यपाल धनखड़ ने कहा चुनाव के बाद जिन स्थानों पर हिंसा हुई, वहां स्थिति बेहद चिंताजनक है। अगर आपका वोट आपकी मौत तथा संपत्ति के क्षतिग्रस्त होने का कारण बने तो, यह लोकतंत्र के खात्मे का संकेत है।

राज्यपाल धनखड़ ने कहा, अगर आपका वोट आपकी जान जाने या संपत्ति के नष्ट होने का कारण बनता है, अगर यह आगजनी का कारण बनता है तो फिर लोकतंत्र के खत्म होने का संकेत मिलता है।

पश्चिम बंगाल के राज्यपाल ने कहा कि राज्य प्रशासन ने प्रभावित इलाकों का दौरा करने से पहले जरूरी व्यवस्था करने के उनके आग्रह पर अब तक जवाब नहीं दिया है।

राज्यपाल धनखड़ ने कहा, प्रबंध को लेकर राज्य सरकार से कोई प्रतिक्रिया ना मिलने के बावजूद, चुनाव के बाद जहां हिंसा हुई उन स्थानों का दौरा करूंगा।

–आईएएनएस

एकेके/एएनएम