स्टीफन हॉकिंग के भौतिक विज्ञान के सिद्धांतों ने वैज्ञानिकों के साथ-साथ आम आदमी के ब्रह्मांड को देखने के नजरिये को बदल कर रख दिया। उनका योगदान इतना महान है कि उसकी तुलना अल्बर्ट आइंस्टीन की उपलब्धियों से ही की जा सकती है।
वैज्ञानिकों को उन्होंने ब्लैक होल और ब्रह्मांड की उत्पत्ति के सिद्धांतों से चकित किया तो आम आदमी को रिकॉर्ड तोड़ बिक्री करने वाली अपनी पुस्तक ‘ए ब्रीफ हिस्ट्री ऑफ टाइम’ से हैरानी में डाला। इस किताब की एक करोड़ कापियां बिकी और उसका 40 भाषाओं में अनुवाद हुआ।
बिग बैंग का सिद्धांत
ब्रह्मांड के बारे में बुनियादी सिद्धांतों को स्टीफन हॉकिंग ने दो बार प्रस्तुत किया। पहली बार उन्होंने सैद्धांतिक रूप से साबित किया कि अगर अल्बर्ट आइंस्टीन का सापेक्षता का सिद्धांत सही है तो ब्रह्मांड की उत्पत्ति 15 अरब साल पूर्व ‘बिग बैंग’ के रूप में हुई थी।
बदल दी अपनी ही थ्योरी
बहरहाल, बिग बैंग का सिद्धांत प्रस्तुत करने के कुछ साल बाद उन्होंने इसे पलट दिया और साबित किया कि ब्रह्मांड का न तो आदि है और न ही अंत। ब्रह्मांड एक स्वनिहित पदार्थ है और धरती की सतह की तरह न तो इसका कोई किनारा है और न ही सीमा। इसके मद्देनजर उन्होंने आइंस्टीन के सापेक्षता के सिद्धांत में बदलाव की जरूरत बताई।