मां बनने में सहायक पीआरपी तकनीक

नई दिल्ली, 6 मार्च (आईएएनएस)| विशेषज्ञों का कहना है कि अब दुनिया भर में पीआरपी (प्लेटलेट्स रिच प्लाज्मा) की मदद से इन्फर्टिलिटी का इलाज संभव हो पाया है हालांकि इसका कहीं पर भी इस्टैबलिस्ड प्रोसीजर के तौर पर इस्तेमाल नहीं हो रहा है।

इंदिरा आईवीएफ हॉस्पिटल में आयोजित एक सेमिनार में आईवीफ विशेषज्ञ डॉ. सागरिका अग्रवाल ने बताया कि एक महिला की यूट्रस की लाइनिंग कमजोर और पतली थी, जिसकी वजह से वह मां नहीं बन पा रही थी। चिकित्सकों ने पीआरपी तकनीक अपना कर उनकी इन्फर्टिलिटी दूर करने में सफलता प्राप्त की है।

उन्होंने कहा, “यह महिला शादी के 18 साल बाद इस तकनीक के जरिए मां बनी।”

डॉ. अग्रवाल ने बताया कि पीआरपी एक ऐसी तकनीक है, जिसमें मरीज के शरीर से ब्लड निकाल कर उसे विशेष तकनीक की मदद से ब्लड कंपोनेंट को अलग किया गया, जिसमें प्लेटलेट्स रिच पदार्थ काफी मात्रा में होते हैं। इसमें ग्रोथ फैक्टर और हार्मोन में सुधार की क्षमता होती है। इससे रेसिस्टेंस में सुधार होता है।