लोकेश ने कहा, उच्च न्यायालय ने मानस ट्रस्ट पर सरकार के शासनादेशों को रद्द कर दिया है, इससे यह साबित हो गया है कि कानून और न्याय अंतिम विजेता हैं।
उन्होंने दावा किया कि यह फैसला सरकार के मुंह पर एक तमाचा है, जो कथित तौर पर आधी रात को अलोकतांत्रिक और असंवैधानिक काला आदेश जारी कर रही है।
तेदेपा नेता ने कहा कि इस फैसले ने पुसापति परिवार को और गौरव दिलाया, जिसने हजारों करोड़ रुपये की जमीन और संपत्ति दान की।
लोकेश ने राजू को बधाई देते हुए कहा, यह सिंहाचलम अप्पन्ना के आशीर्वाद से जनता के प्यार, कानून, न्याय और संविधान की जीत है।
इसी तरह, तेदेपा सुप्रीमो और पूर्व मुख्यमंत्री नारा चंद्रबाबू नायडू ने फैसले का स्वागत किया और मुख्यमंत्री वाई.एस. जगनमोहन रेड्डी की तरफ इशारा करते हुए इसे तुगलक सीएम के चेहरे पर तमाचा बताया।
नायडू ने दावा किया, आखिरकार, कानून की लंबी भुजा और न्याय के कठोर पहियों ने रेड्डी की नापाक योजनाओं पर पूर्ण विराम लगा दिया है, जिसमें मानस ट्रस्ट द्वारा चलाए जा रहे मंदिरों से संबंधित हजारों एकड़ प्रमुख भूमि और करोड़ों की संपत्ति लूट ली गई है।
तेदेपा प्रमुख के अनुसार, अदालत के आदेश से हजारों छात्रों और कर्मचारियों को नया जीवन मिलेगा।
हालांकि, आंध्र प्रदेश के बंदोबस्ती मंत्री वेल्लमपल्ली श्रीनिवास ने कहा कि सरकार फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील करेगी।
–आईएएनएस
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