मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर दंगा भड़काने का मामला हुआ रद्द

इलाहाबाद – मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को आज इलाहाबाद हाईकोर्ट ने लगभग 11 वर्ष पुराने मामले में बड़ी राहत दी है। कोर्ट ने सीएम योगी आदित्यनाथ के खिलाफ दंगा भड़काने का मामला दर्ज करने के साथ इसकी सीबीआई जांच की मांग पर विचार करने से इंकार कर दिया।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को आज इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बड़ी राहत दी है। हाईकोर्ट ने सीएम योगी के खिलाफ 2007 में गोरखपुर के दंगे को भड़काने के आरोप में मुकदमा चलाने से इंकार कर दिया। इस आरोप को कोर्ट ने सही नहीं माना है। इसके साथ ही सीबीआई जांच की मांग को भी खारिज कर दिया है।

याचिकाकर्ता परवेज परवाज की याचिका हाईकोर्ट ने खारिज की है। इस मामले में योगी आदित्यनाथ के साथ ही तत्कालीन मेयर अंजू चौधरी, विधायक राधा मोहन अग्रवाल व अन्य को भी बड़ी राहत मिली है। इनमें से किसी के खिलाफ अब कोई केस दर्ज नहीं होगी ।

इससे पहले इस याचिका पर फैसला 18 दिसंबर को हो गया था, उसके बाद से फैसला सुरक्षित रखा गया था। परवेज परवाज की याचिका पर न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी और न्यायमूर्ति ए.सी शर्मा की खंडपीठ ने लंबी बहस के बाद 18 दिसंबर 2017 को फैसला सुरक्षित कर लिया था। याचिका में कहा गया है कि गोरखपुर में 2007 में दंगे हुए थे जिसमें तत्कालीन सांसद योगी आदित्यनाथ सहित अन्य ने दंगा उकसाया था। इस मामले में योगी आदित्यनाथ पर मुकदमा चलाने से राज्य सरकार ने इन्कार कर दिया है, सरकार के इसी आदेश की वैधता को हाईकोर्ट में परवेज परवाज ने याचिका दाखिल कर चुनौती दी है। 2008 में मोहम्मद असद हयात और परवेज ने दंगों में एक व्यक्ति की मौत के बाद सीबीआई जांच को लेकर याचिका दाखिल की थी। अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल ने बताया कि इस मामले में उत्तर प्रदेश सरकार ने मुकदमा चलाने की अनुमति देने से इनकार कर दिया था, जिसकी वैधता को याचिका में चुनौती दी गई है।मामले की जांच सीबी-सीआईडी ने की। सीबी-सीआईडी ने तत्कालीन सांसद के खिलाफ कोई चार्जशीट दाखिल नहीं की क्योंकि प्रदेश के अखिलेश सरकार ने इसकी अनुमति नहीं दी थी ।