मैं सेना से हूं और हम सरेंडर नहीं करते : मुक्केबाज सतीश

नई दिल्ली, 18 अगस्त (आईएएनएस)। टोक्यो ओलंपिक के क्वार्टर फाइनल में उजबेकिस्तान के बाखोदिर जालोलोव के हाथों हारने के बावजूद मुक्केबाज सतीश कुमार भारत के हीरो बने थे।

भारतीय मुक्केबाज के सिर पर दो गहरे कट थे और उन्हें प्री क्वार्टर फाइनल के दौरान चोट भी लगी थी और उनका क्वार्टर फाइनल में खेलना तय नहीं लग रहा था। हालांकि, सतीश ने बाउट में हिस्सा लेने का फैसला किया और उन्होंने अपने विपक्षी मुक्केबाज के अलावा कई लोगों के दिल जीते।

सतीश ने लखनऊ से आईएएनएस से कहा, जालोलोव ने मुझे गले लगाकर कहा कि आप सच्चे योद्धा हैं। बॉक्सिंग में कई उतार-चढ़ाव आते है। मुझे पता था कि वो बाउट देश के लिए जरूरी थी।

उन्होंने कहा, मैं भारत को एक और पदक दिला सकता था। मेरे पिता ने भी मुझे नतीजे की परवाह किए बिना रिंग में उतरने के लिए प्रेरित किया। मैं सेना का व्यक्ति हूं और हम सरेंडर नहीं करते। एक जूनुन था, लड़ने का बस।

सतीश ने कहा, मुझे खुशी है कि हारने के बावजूद लोगों ने मुझे प्यार दिया और इस तरह बधाई दी जैसे मैंने बाउट जीती हो। लेकिन मैं आश्वासन दिलाता हूं कि अगली बार पदक लाने के लिए काफी मेहनत करूंगा।

यूपी के मुक्केबाज ने एथलीटों का समर्थन करने के लिए सरकार की सराहना की।

सतीश ने कहा, सरकार से हमें जिस तरह का सम्मान मिल रहा है उससे मैं अभिभूत हूं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी हम लोगों से अलग से बात की और टोक्यो में हमारे प्रदर्शन पर हम लोगों का समर्थन किया। कल लखनऊ में मुख्यमंत्री योगी जी हमारे लिए सम्मान समारोह आयोजित कर रहे हैं और मैं इन सभी को हम लोगों का समर्थन करने के लिए धन्यवाद देना चाहता हूं।

— आईएएनएस

एसकेबी/आरजेएस