यूएन स्थित चीनी प्रतिनिधि ने चीन-अमेरिका व्यापारिक मुद्दे पर लेख लिखा

बीजिंग, 11 जून (आईएएनएस)| संयुक्त राष्ट्र संघ स्थित स्थायी चीनी प्रतिनिधि मा चाओश्वु ने 7 जून को चीन-अमेरिका आर्थिक व व्यापारिक सवाल पर चाइना डेली के अंग्रेजी संस्करण में नामांकित लेख लिख कर चेतावनी दी कि अमेरिका की प्रभुत्ववादी कार्रवाई विश्व को नुकसान पहुंचा रही है।

लेख में कहा गया है कि अमेरिका द्वारा चीन के खिलाफ छेड़े गए व्यापार युद्ध ने न केवल दोनों देशों के हितों को क्षति पहुंचाई है, बल्कि वैश्विक हितों को भी नुकसान पहुंचाया है। अमेरिका की प्रभुत्ववादी कार्रवाई ने गंभीर रूप से वैश्विक आर्थिक विकास को धमकी दी है और विश्व उद्योग चेन और सप्लाई चेन को बर्बाद किया है। अमेरिका ने टैरिफ की लाठी को उठाकर देश की शक्ति का दुरुपयोग कर हुआवेइ पर प्रहार किया। अमेरिका जलवायु परिवर्तन के पेरिस समझौते, ईरानी परमाणु सवाल के तमाम समझौते से हटा, 2030 अनवरत विकास कार्यक्रम और अदिस अबाबा एक्शन एजेंडा कार्यक्रम आदि अंतर्राष्ट्रीय सहमतियों को भी अस्वीकार किया। साथ ही अमेरिका संयुक्त राष्ट्र यूनेस्को संगठन और संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद से भी हट गया। अमेरिका नियम पर आधारित अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था और संयुक्त राष्ट्र संघ की प्रतिष्ठा और स्थान का उल्लंघन कर रहा है।

लेख में कहा गया है बहुपक्षीयवाद पर कायम रहकर सहयोग व साझी जीत को साकार करना विश्व के विभिन्न देशों के समान हितों से मेल खाता है। आर्थिक भूमंडलीकरण युग धारा है, जिसे नहीं रोका जा सकता है। एकतरफावाद और संरक्षणवाद का समर्थन नहीं किया जा सकता है। प्रभुत्ववादी कार्रवाई को हम नजरअंदाज नहीं कर सकते, हम खामोश नहीं हो सकते। क्योंकि कोई भी एक देश संभवत: शिकार बन सकता है।

लेख में जोर दिया गया है कि चीन और अमेरिका की आर्थिक व व्यापारिक वार्ता में गंभीर नुकसान पहुंचाया गया है, जिसकी जिम्मेदारी अमेरिका सरकार पर जाती है। व्यापारिक युद्ध के प्रति चीन का रुख बहुत स्पष्ट है। हम लड़ना नहीं चाहते, लेकिन हम लड़ने से नहीं डरते हैं।

चीन सहयोग के तरीके से चीन-अमेरिका व्यापार विवाद का हल कर आपसी लाभ व साझी जीत वाले समझौते को आगे बढ़ाना चाहता है। लेकिन सहयोग का सिद्धांत है और वार्ता का बेजलाइन भी है। अहम सैद्धांतिक सवाल पर चीन कतई रियायत नहीं देता है। आशा है कि दोनों पक्ष एक-दूसरे का सम्मान करने, समानता और आपसी लाभ की भावना के मुताबिक सदिच्छा से वार्ता के जरिए समस्या का हल कर सकेंगे।

(साभार-चाइना रेडियो इंटरनेशनल, पेइचिंग)