राजस्थान : नगर निकाय प्रमुखों को चुनने के लिए ‘हाइब्रिड मॉडल’ लागू होगा

जयपुर, 17 अक्टूबर (आईएएनएस)| राजस्थान में नगर निकाय के प्रमुखों को अप्रत्यक्ष रूप से चुने जाने की घोषणा के कुछ दिनों बाद राज्य की कांग्रेस सरकार ने गुरुवार को हाइब्रिड मॉडल लागू करने की घोषणा की। इस मॉडल के तहत एक उम्मीदवार बिना चुनाव लड़े या चुनाव में हारने के बाद भी मेयर, अध्यक्ष या चेयरपर्सन बन सकता है। इसके संदर्भ में एक अधिसूचना जारी की गई है।

राज्यमंत्री शांति धारीवाल ने कहा, “इसके अनुपालन में 14 अक्टूबर को राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में फैसला लिया गया, जिसके तहत राजस्थान म्युनिसिपल (इलेक्शन) रूल्स, 1994 को म्युनिसिपल संस्थाओं के अध्यक्ष, चेयरमैन व मेयर प्रत्यक्ष रूप से चुनने के लिए संशोधित किया गया। इसकी अधिसूचना डिपार्टमेंट ऑफ ऑटोनोमस गवर्नेस द्वारा बुधवार को जारी की गई।”

नए नियम के तहत मेयर के पद के आकांक्षी को न तो पार्षद बनना होगा और न ही अनिवार्य रूप से चुनाव लड़ना होगा। उनका नाम एक पार्टी द्वारा प्रस्तावित किया जा सकता है और पार्षदों द्वारा उसे समर्थन दिया जा सकता है।

राजस्थान देश में पहला राज्य होगा जहां नगर निकाय के प्रमुखों के पैराशूटिंग मॉडल लागू होगा। इसमें यह भी तय किया जाना है कि मेयर की नियुक्ति के कितने महीने बाद औपचारिक जीत की घोषणा के लिए चुनाव कराए जाएंगे।

भाजपा के राज्य अध्यक्ष सतीश पूनिया ने इस फैसले की आलोचना की। उन्होंने कहा कि कांग्रेस निकाय चुनावों को जीतने के लिए कई तरह की चालें चल रही है।

उन्होंने कहा, “मैंने सुना है कि वे हाइब्रिड मॉडल ला रहे हैं। लेकिन मुझे भरोसा है कि वे चाहे कोई भी मॉडल लाएं वे चुनाव हारेंगे।”