वीएसपी निजीकरण में अपनी जिम्मेदारी से बच रही है आंध्र सरकार

विशाखापट्टनम, 27 फरवरी (आईएएनएस)। तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) के राष्ट्रीय प्रवक्ता कोमारेड्डी पट्टाभि राम ने शनिवार को आरोप लगाया कि वाईएस जगन मोहन रेड्डी की अगुवाई वाली आंध्र प्रदेश सरकार विशाखापट्टनम स्टील प्लांट (वीएसपी) के मामले में अपनी जिम्मेदारी से बच रही है।

पट्टाभि ने दावा किया कि मुख्यमंत्री वाई एस जगन मोहन रेड्डी ने 2019 में खुद दक्षिण कोरियाई स्टील दिग्गज पॉस्को के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की और उनके साथ तस्वीरें खिंचवाई।

उन्होंने आरोप लगाया कि वाईएसआरसीपी के सांसद विजयसाई रेड्डी ने वीएसपी मुद्दे पर केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के साथ चर्चा की।

पट्टाभि ने शनिवार को बंदरगाह शहर का दौरा किया और इस्पात संयंत्र के निजीकरण का विरोध कर रहे लोगों के साथ मुलाकात की और दावा किया कि सत्ताधारी वाईएसआरसीपी नेताओं के पास निजीकरण योजना से हाथ धोने का कोई रास्ता नहीं है।

तेदेपा प्रवक्ता ने दावा किया कि आंध्र के लोगों के बढ़ते आंदोलन और उग्र भावना को देखते हुए सीएम और उनके मंत्री स्टील प्लांट की बिक्री की जिम्मेदारी लेने से घबरा गए।

पट्टाभि के अनुसार, केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने फरवरी 2020 में स्पष्ट रूप से कहा था कि निजीकरण के लिए पोस्को के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे।

उन्होंने दावा किया कि स्टील पर स्थायी समिति ने दिसंबर, 2019 में अपनी रिपोर्ट जारी की। वाईएसआरसीपी सरकार ने इन सभी विवरणों को धोखा देने के लिए आंध्र की जनता से छिपाया।

तेदेपा नेता ने दावा किया कि उद्योग पर संसद की स्थायी समिति ने भी मार्च, 2020 में एक रिपोर्ट दी थी, लेकिन वाईएसआरसीपी के सांसद अविनाश रेड्डी ने उस समिति का सदस्य होने के बावजूद कथित तौर पर वीएसपी निजीकरण योजना के खिलाफ अपनी आवाज नहीं उठाई।

उन्होंने कथित तौर पर झूठ बोलने के लिए विजयसाई रेड्डी को लताड़ा कि उन्हें निजीकरण योजना के बारे में कोई जानकारी नहीं थी।

पट्टाभि ने दावा किया कि यह शर्मनाक है कि सत्तारूढ़ पार्टी के सांसद कथित तौर पर एक उद्योग की बिक्री के लिए जिम्मेदारी नहीं ले रहे थे, जो सभी तेलुगू लोगों के लिए गर्व की बात है।

उन्होंने दावा किया कि वाईएसआरसीपी ने जानबूझकर वीएसपी निजीकरण के खतरे का विवरण जनता से छिपाया, क्योंकि उन्हें इसमें व्यक्तिगत लाभ था। जगन और विजय साई रेड्डी अपने गुप्त सौदों से राज्य को नुकसान पहुंचा रहे थे।

उन्होंने दावा किया कि वाईएसआरसीपी के सांसदों ने अपनी कथित संदिग्ध भूमिका के साथ राज्य के साथ ऐतिहासिक अन्याय किया है।

–आईएएनएस

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