शिकायतकर्ता की मौत के बाद जेल में बंद बसपा सांसद के लिए बढ़ी मुसीबत

लखनऊ, 25 अगस्त (आईएएनएस)। दिल्ली की जेल में बंद बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के सांसद अतुल राय के खिलाफ रेप के एक मामले में महिला शिकायतकर्ता की मौत के बाद आरोपी की मुश्किलें और बढ़ गई हैं।

जिला सरकारी वकील (डीजीसी) (अपराधी) प्रयागराज, गुलाब चंद्र अग्रहरी के अनुसार, मंगलवार को महिला की मौत हो गई।

शिकायतकर्ता और उसके पुरुष साथी, जो मुख्य गवाह थे, उसकी मौत के बाद दुष्कर्म के मामले में आरोपी के लिए दोषी ठहराए जाने की संभावना बढ़ गई है क्योंकि दोनों ने एमपी-एमएलए अदालत के समक्ष अपना बयान दर्ज कराया था।

इस मामले में एमपी-एमएलए कोर्ट में अभियोजन पक्ष की निगरानी कर रहे डीजीसी (अपराधी) ने नैनी जेल में बंद घोसी से बसपा सांसद के खिलाफ मामले की वर्तमान स्थिति भी उपलब्ध कराई।

उन्होंने कहा, शिकायतकर्ता और उसकी सहेली के अलावा वाराणसी के लंका थाने के पूर्व थाना प्रभारी भारत भूषण तिवारी, जांच अधिकारी एवं उपनिरीक्षक आरसी पांडेय, प्रधान आरक्षक राघव राय, डॉ रश्मि गुप्ता, आरक्षक प्रीति रावत, अमित श्रीवास्तव और शिव कुमार गौड समेत अन्य गवाहों के बयान दर्ज किए जा चुके हैं, जिस अपार्टमेंट में कथित घटना हुई थी, उसके सुरक्षा गार्ड को पहले ही एमपी-एमएलए अदालत में दर्ज किया जा चुका है।

उन्होंने कहा, अब, एमपी-एमएलए अदालत में आरोपी के बयान दर्ज करने की प्रक्रिया होनी है।

शिकायतकर्ता और उसके साथी ने 16 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट के बाहर एसएसपी अमित पाठक, सेवानिवृत्त आईजी अमिताभ ठाकुर और उसके खिलाफ साजिश रचने वाले एक जज सहित अन्य अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाकर खुद को आग लगा ली थी।

इस घटना के कारण बड़े पैमाने पर कार्रवाई हुई और वाराणसी के पूर्व एसएसपी अमित पाठक को राज्य के गृह विभाग द्वारा डीजीपी मुख्यालय से जोड़ा गया।

वाराणसी में छावनी थाने के प्रभारी निरीक्षक राकेश सिंह और उप निरीक्षक गिरिजा शंकर यादव को निलंबित कर दिया गया और राज्य सरकार ने आत्मदाह मामले की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया।

पूर्व सर्कल अधिकारी भेलूपुर अमरेश सिंह बघेल को राज्य सरकार ने 30 दिसंबर, 2020 को दुष्कर्म के मामले में जांच में ढिलाई के लिए निलंबित कर दिया है, क्योंकि उनकी जांच रिपोर्ट के कुछ हिस्सों के लीक होने के बाद, बसपा सांसद को एक साजिश के शिकार के रूप में दिखाया गया था।

महिला ने एक मई 2019 को अतुल राय के खिलाफ लंका थाने में दुष्कर्म का मामला दर्ज कराया था।

घोसी संसदीय सीट से बसपा उम्मीदवार के रूप में नामांकन दाखिल करने वाले अतुल राय ने भगोड़े के रूप में चुनाव जीता और बाद में 22 जून, 2019 को अदालत के सामने आत्मसमर्पण कर दिया और तब से जेल में हैं।

पुलिस ने राय के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी और मामले की सुनवाई प्रयागराज में एमपी-एमएलए कोर्ट में हो रही थी।

अतुल राय के भाई पवन कुमार ने नवंबर 2020 में वाराणसी के छावनी थाने में शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें महिला पर दुष्कर्म की शिकायत से जुड़े दस्तावेजों में उसकी जन्मतिथि जाली होने का आरोप लगाया गया था।

इस मामले में वाराणसी की अदालत ने इस महीने की शुरूआत में महिला और उसके साथी के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया था।

शिकायतकर्ता ने जेल में बंद सांसद और उनके साथी सुधीर सिंह के खिलाफ लंका पुलिस में एक और मामला भी दर्ज कराया था, जिसमें दोनों पर सोशल मीडिया पर दुष्प्रचार के जरिए उन्हें बदनाम करने का आरोप लगाया गया था।

इस बीच, बलिया जिले के नरही इलाके के अपने गांव में शिकायतकर्ता के दादा को मंगलवार देर शाम तक दिल्ली में उसकी मौत के बारे में कोई जानकारी नहीं थी।

उन्होंने कहा कि मामला दर्ज कराने के बाद से शिकायतकर्ता पिछले दो साल से अपने पैतृक गांव नहीं गई थी।

उन्होंने कहा, पुलिस एक बार यहां इस बात की पुष्टि करने के लिए पहुंची थी कि क्या वह यहां की है, लेकिन, अपनी यात्रा का उद्देश्य बताए बिना, पुलिस लौट गई।

–आईएएनएस

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