शिक्षा समिति को मुहूर्त मिला; कार्यकर्ताओं का समावेश नहीं

पिम्परी : पुणे समाचार

समिति पर होगा नगरसेवकों का बोलबाला; पहला सभापति बनने की मची होड़

शिक्षा मंडल बर्खास्त करने के बाद सालभर बाद क्यों न हो नए से शिक्षा समिति के गठन को मुहूर्त मिल ही गया है। 20 अप्रैल को होनेवाली सर्व साधारण सभा समिति के 9 सदस्यों की नियुक्ति की जा रही है। जहाँ नए से गठित होनेवाली शिक्षा समिति का पहला सभापति बनने को लेकर पिम्परी चिंचवड़ मनपा की सत्ताधारी भाजपा के नगरसेवकों में होड़ मची है, वहीं समिति में कार्यकर्ताओं के पुनर्वास सम्बंधित प्रस्ताव पर राज्य सरकार से कोई फैसला न हो सकने से भाजपा कार्यकर्ताओं में मायूसी छाई है। शिक्षा समिति में शैक्षिक व सामाजिक क्षेत्र के 4 कार्यकर्ताओं को शामिल करने का प्रस्ताव विधि समिति और सर्व साधारण सभा में पारित हुआ है, जिस पर सरकार से कोई फैसला नहीं हो सका है।

गत वर्ष 2 जून को शिक्षा मंडल बरखास्त किया गया। उसकी जगह मनपा अधिनियम के अनुसार शिक्षा समिति के गठन का फैसला किया गया है। 15 सदस्योंवाले शिक्षा मंडल का अपना अलग वजूद रहा है, जबकि शिक्षा समिति पूरी तरह से मनपा आयुक्त के नियंत्रण में रहेगी और उसके सदस्य भी 9 रहेंगे। अन्य विषय समितियों की भांति शिक्षा समिति में भी सियासी दलों के संख्याबल के अनुसार नगरसेवकों की नियुक्ति की जायेगी। मनपा में भाजपा के सर्वाधिक 77 नगरसेवक रहने से उसे 9 में से 5, उसके 36 नगरसेवकों वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस को 3 और 9 नगरसेवकों वाली शिवसेना को 1 सीट मिलेगी। सभागृह नेता एकनाथ पवार के अनुसार 20 अप्रैल की मासिक सर्व साधारण सभा में शिक्षा समिति के 9 सदस्यों की नियुक्ति की जाएगी। पेशे से शिक्षक या शिक्षा क्षेत्र में कार्यरत सदस्यों को इस समिति में मौका दिया जाएगा।