सऊदी तेल संयंत्रों पर ड्रोन हमले के लिए पोम्पियो ने ईरान को जिम्मेदार ठहराया (लीड-1)

 वाशिंगटन, 15 सितम्बर (आईएएनएस)| अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने सऊदी अरब के तेल क्षेत्र में ड्रोन हमले के लिए ईरान को जिम्मेदार ठहराया है, जिससे देश की तेल क्षमता का लगभग आधा हिस्सा या दैनिक वैश्विक तेल आपूर्ति का 5 प्रतिशत बाधित हुआ है।

 समाचार एजेंसी एफे के मुताबिक, शनिवार को 10 मानवरहित विमानों द्वारा किए गए हमलों से सऊदी अरब के सबसे बड़े तेल क्षेत्रों में से एक हिजरा खुरैस, जो प्रतिदिन लगभग 15 लाख बैरल का उत्पादन करता है और दुनिया के सबसे बड़े कच्चे तेल के भंडार वाले अबकैक जो 70 लाख बैरल तेल प्रोसेस करता है, को निशाना बनाया गया।

हमले के बाद, पोम्पियो ने ट्वीट कर कहा, “सऊदी अरब पर करीब 100 हमलों के पीछे तेहरान का हाथ है जबकि (राष्ट्रपति हसन) रूहानी और (विदेश मंत्री मोहम्मद जावद) जरीफ कूटनीति में शामिल होने का दिखावा करते हैं। तनाव कम करने के आह्वान के बीच ईरान ने अब दुनिया की ऊर्जा आपूर्ति पर जबरदस्त हमला किया है।”

हमला करने का दावा यमन के हौती विद्रोहियों ने किया है, जिसे पोम्पियो ने नकारते हुए कहा, “इसके कोई सबूत नहीं हैं कि हमले यमन से किए गए।”

एक अन्य ट्वीट में, पोम्पियो ने अन्य देशों से शनिवार के हमले के प्रतिशोध में ईरान की निंदा करने का आह्वान किया।

घटना के लगभग 20 घंटे बाद, नव-नियुक्त सऊदी अरब के ऊर्जा मंत्री, प्रिंस अब्दुलअजीज बिन सलमान को सार्वजनिक रूप से यह स्वीकार करने के लिए मजबूर किया गया कि देश की ऊर्जा कंपनी अरामको (दुनिया की सबसे बड़ी तेल उत्पादक कंपनी) ने करीब 57 लाख बैरल कच्चे तेल का उत्पादन रोक दिया, जो इसके कुल उत्पादन का लगभग आधा है।

मंत्री ने शनिवार रात आधिकारिक सऊदी प्रेस एजेंसी द्वारा जारी किए गए एक बयान में कहा कि हमलों के परिणामस्वरूप अबकैक और खुरैस तेल संयंत्रों में उत्पादन अस्थायी रूप से रोक दिया गया।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने खुद सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के साथ फोन पर बातचीत के दौरान स्वीकार किया कि इस हमले ने वैश्विक और अमेरिकी अर्थव्यवस्था दोनों को प्रभावित किया।

ट्रंप ने हर तरह से सहयोग की पेशकश की जिससे मध्य पूर्व में अमेरिका के रणनीतिक साझेदार की सुरक्षा और स्थिरता सुनिश्चित करने में मदद हो सके।