सचिन ने यूँ बंद किया आलोचकों का मुंह

तेंदुलकर ने ऐसा क्या किया कि प्रधानमंत्री ने भी की तारीफ

नई दिल्ली: सचिन तेंदुलकर जब मैदान पर मौजूद होते थे, तो वह आलोचकों को जवाब मुंह से नहीं बल्कि अपने बल्ले से देते थे। यानी वह कहने से ज्यादा करने में विश्वास रखते थे। मैदान के बाहर भी उनका यह अंदाज़ कायम है। बतौर राज्यसभा सांसद सचिन का कार्यकाल हाल ही में समाप्त हुआ, और जाते-जाते वह अपना पूरा वेतन और भत्ते प्रधानमंत्री राहत कोष में दान कर गए। सचिन का यह कदम उन लोगों को करार जवाब है, जो यह साबित करने पर तुले रहे कि सचिन को सांसद बनाना भूल थी। पूर्व सपा नेता और हाल ही में भाजपा में शामिल हुए सांसद नरेश अग्रवाल सहित कई सांसदों ने सचिन की राज्यसभा में उपस्थिति को लेकर आलोचना की थी।

इतनी राशि दान की
प्रधानमंत्री कार्यालय ने भी आभार पत्र जारी किया है जिसमें लिखा गया है कि प्रधानमंत्री ने इस सहृदयता के लिए आभार व्यक्त किया है। यह योगदान संकटग्रस्त लोगों को सहायता पहुंचाने में बहुत मददगार होगा। आपको बता दें कि पिछले छह वर्षों में तेंदुलकर को वेतन के रूप में लगभग 90 लाख रुपए और अन्य मासिक भत्ते मिले थे।

सांसद निधि का बेहतर उपयोग
तेंदुलकर ने सांसद निधि का अच्छा उपयोग किया था। उनके कार्यालय से जारी आंकड़ों में उन्होंने देश भर में 185 परियोजनाओं को मंजूरी देने तथा उन्हें आवंटित 30 करोड़ में से 7.4 करोड़ शिक्षा और ढांचागत विकास में खर्च करने का दावा किया। सांसद आदर्श ग्राम योजना कार्यक्रम के तहत तेंदुलकर ने दो गांवों को भी गोद लिया जिनमें आंध्र प्रदेश का पुत्तम राजू केंद्रिगा और महाराष्ट्र का दोंजा गांव शामिल हैं। प्रधानमंत्री कार्यालय ने भी आभार पत्र जारी किया है जिसमें लिखा गया है कि प्रधानमंत्री ने इस सहृदयता के लिए आभार व्यक्त किया है। यह योगदान संकटग्रस्त लोगों को सहायता पहुंचाने में बहुत मददगार होगा। आपको बता दें कि पिछले छह वर्षों में तेंदुलकर को वेतन के रूप में लगभग 90 लाख रुपए और अन्य मासिक भत्ते मिले थे।