समय आ गया है कि हम दलित महिलाओं पर हो रहे अत्याचार के खिलाफ आवाज उठाएं: रिंकू राजगुरु

मुंबई, 11 अगस्त (आईएएनएस)। सैराट फेम अभिनेत्री रिंकू राजगुरु, जो आगामी फिल्म 200 हल्ला हो में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं, उनका कहना है कि जब तक नई पीढ़ी दलित समुदाय, खासकर महिलाओं पर सदियों पुरानी क्रूरता के खिलाफ जागरूकता और विरोध नहीं शुरू करेगी, तब तक बदलाव नहीं आएगा। उन्हें लगता है कि सिनेमा और लगातार बातचीत इस मामले में बदलाव का कारक हो सकती है।

रिंकू ने आईएएनएस को बताया, मुझे लगता है कि पहली बार जब सार्थक सर (फिल्म के निर्देशक) ने कहानी सुनाई, तो मैं हिल गई, लेकिन वास्तविकता की तीव्रता इस बात की है कि कैसे दलित महिलाओं के साथ हर दिन क्रूरता की जाती है, और कोई भी इसके खिलाफ आवाज नहीं उठाता है। एक युवा के रूप में, मेरा खून बस उबल गया! कैसे? ऐसा कैसे हो सकता है, दलित लड़कियों के साथ दिन के उजाले में बलात्कार होता है और कोई भी नहीं इसके बारे में बात करता है।

20 वर्षीय अभिनेत्री ने विराम लिया और अपना गुस्सा जाहिर किया। फिर उन्होंने आगे कहा, मुझे उम्मीद है, एक बार जब फिल्म रिलीज हो जाए और हर कोई इसे देख ले, तो असली पीड़ितों को पीड़ित महसूस करने के बजाय विरोध करना चाहिए और न्याय की मांग करनी चाहिए। जब तक हम जागरूकता पैदा नहीं करते, तब तक इस लिंग और जाति के आधार पर यह सदियों पुरानी क्रूरता को कभी नहीं रोका जाएगा।

फिल्म में, रिंकु आशा नाम की एक युवा दलित लड़की का किरदार निभा रही हैं, जो समुदाय के लोगों को इकट्ठा करती है और एक दलित लड़की के बलात्कार और हत्या का विरोध करती है और कैसे पुलिस से लेकर अदालत तक हर कोई मामले पर विचार करने और अपराधी को दंडित करने से इनकार करता है।

फिल्म 200 हल्ला हो, जिसमें अमोल पालेकर, बरुण सोबती, साहिल खट्टर, सलोनी बत्रा, इंद्रनील सेनगुप्ता और उपेंद्र लिमये भी हैं, 20 अगस्त को जी5 पर रिलीज होगी।

–आईएएनएस

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