सरकार का टीका प्रबंधन, निर्यात का फैसला ग्रामीण इलाकों में अलोकप्रिय

नई दिल्ली, 29 मई (आईएएनएस)। अप्रैल के बाद से कोविड-19 की दूसरी लहर ने स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली को प्रभावित किया, जिससे चिकित्सा ऑक्सीजन, आवश्यक दवाओं की आपूर्ति कम हो गई और कई लोगों को अपने इलाज के लिए अस्पताल के बिस्तर पाने के लिए संघर्ष करना पड़ा। घातक दूसरी लहर और आसन्न तीसरी लहर की चेतावनी के बीच टीकों की भारी कमी के कारण लोगों की चिंताएं भी कई गुना बढ़ गईं।

इस घातक वायरल संक्रमण से हुई तबाही ने महामारी के बीच जरूरतमंद देशों को टीके निर्यात करने के अपने निर्णय के साथ-साथ घातक वायरस से निपटने के लिए अपनाए गए कोविड वैक्सीन प्रबंधन के संबंध में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार की लोकप्रियता को भी प्रभावित किया है।

एबीपी-सी वोटर मोदी 2.0 रिपोर्ट कार्ड के अनुसार, शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में 44.9 प्रतिशत लोगों को लगता है कि मोदी सरकार ने महामारी के बीच कोविड वैक्सीन प्रबंधन को उचित रूप से संभाला है। इसी तरह, शहरी क्षेत्रों में 50.6 प्रतिशत लोगों की राय है कि सरकार ने कोविड के टीके के वितरण को ठीक से संभाला है, जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में 42.4 प्रतिशत लोग भी ऐसा ही सोचते हैं।

लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में 46.5 प्रतिशत लोगों को लगता है कि सरकार ने कोविड वैक्सीन प्रबंधन को उचित रूप से नहीं संभाला, जो कि रिपोर्ट की पृष्ठभूमि में महत्व रखता है, जिसमें कहा गया है कि कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर ने ग्रामीण क्षेत्रों की तुलना में ग्रामीण क्षेत्रों को बहुत बड़े पैमाने पर प्रभावित किया। पिछले साल पहली लहर। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) के मुताबिक भी देश के ग्रामीण इलाकों में घुस रहा वायरस एक बड़ी चिंता का विषय है।

शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में 43.9 प्रतिशत लोगों का मानना है कि सरकार ने कोविड के टीके को ठीक से नहीं संभाला। 11. शहरी क्षेत्रों में 2 फीसदी लोग सरकार द्वारा कोविड वैक्सीन प्रबंधन को लेकर कुछ नहीं कह सके।

कई राजनीतिक नेताओं ने अपने स्वयं के नागरिकों को टीका लगाने को प्राथमिकता देने के बजाय, अन्य देशों में कोविड के टीके निर्यात करने के केंद्र के फैसले पर निशाना साधा है।

सीवोटर-एबीपी न्यूज सर्वे के अनुसार, शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में 47.9 फीसदी लोग, मोदी सरकार के कोविड के टीके निर्यात करने के फैसले से सहमत हैं। इसमें शहरी इलाकों के 54.5 फीसदी और ग्रामीण इलाकों के 45.1 फीसदी लोग शामिल हैं, जिन्हें वैक्सीन निर्यात करने के सरकार के फैसले में कोई खामी नजर नहीं आती।

हालांकि, 34.5 फीसदी लोग, जिनमें 29 फीसदी शहरी और 36.9 फीसदी ग्रामीण शामिल हैं, सरकार के टीकों के निर्यात के फैसले से सहमत नहीं थे। इस नीतिगत निर्णय पर जिन लोगों के पास कहने के लिए कुछ नहीं था, वे 17.5 प्रतिशत थे। इनमें शहरी क्षेत्रों में 16.5 प्रतिशत और ग्रामीण क्षेत्रों में 18 प्रतिशत लोग शामिल हैं।

सर्वेक्षण के लिए नमूना आकार 12070 था और यह 23-27 मई के बीच आयोजित किया गया था।

–आईएएनएस

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