सर्वाना भवन के मालिक के आत्मसमर्पण की तिथि नहीं बढ़ेगी

नई दिल्ली, 9 जुलाई (आईएएनएस)| सर्वोच्च न्यायालय ने मंगलवार को रेस्तरां श्रंखला सर्वाना भवन के मालिक पी. राजगोपाल को कोई राहत देने से इनकार कर दिया। हत्या के एक मामले में राजगोपाल ने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देकर आत्मसमर्पण करने के लिए और समय मांगा था। शीर्ष अदालत ने राजगोपाल के अधिवक्ता से पूछा कि वे अगर इतने बीमार हैं तो उन्होंने सुनवाई के दौरान अपनी बीमारी के बारे में क्यों नहीं बताया। अदालत ने इसके बाद उन्हें राहत देने से इनकार कर दिया।

राजगोपाल (71) ने उन्हें जेल में आत्मसमर्पण करने के बजाय जेल की अवधि के तौर पर अस्पताल में भर्ती कराने की छूट देने की भी मांग की। अदालत इसकी भी मंजूरी नहीं दी।

देश और विदेश में लोकप्रिय रेस्तरां श्रृंखला के संस्थापक राजगोपाल को 2004 में अपने एक कर्मचारी की हत्या के जुर्म में 10 साल की सजा सुनाई गई थी। राजगोपाल उस कर्मचारी की पत्नी को अपनी तीसरी पत्नी बनाना चाहते थे।

महिला ने जब राजगोपाल का प्रस्ताव ठुकरा दिया, तो राजगोपाल ने महिला के पति को मरवा दिया।

राजगोपाल को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी। इसके बाद उन्होंने अपने स्वास्थ्य का हवाला देकर अपने कारावास की अवधि देर से शुरू करने के लिए सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी।

शीर्ष अदालत द्वारा मार्च में आजीवन कारावास की सजा को सही ठहराने के बाद राजगोपाल सात जुलाई को आत्मसमर्पण करने वाले थे। अस्पताल में अपने भर्ती होने का हवाला देकर उन्होंने सोमवार को अदालत से और समय मांगा था।