सिलसिला और कभी कभी के दिग्गज लेखक सागर सरहदी नहीं रहे

मुंबई, 22 मार्च (आईएएनएस)। प्रख्यात लेखक-फिल्मकार सागर सरहदी का लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया है। वो 88 वर्ष के थे। सरहदी ने 70 और 80 के दशक में बॉलीवुड में इमोशनल गानों से नई पहचान बनाई। उन्होंेने मुंबई के एक अस्पताल में अंतिम सांस ली।

दिग्गज राइटर-डायरेक्टर के निधन के बाद बॉलीवुड के लोगों में शोक की लहर फैल गई।

कवि, गीतकार, पटकथा लेखक जावेद अख्तर ने ट्वीट किया, सागर सरहदी एक अनुभवी रंगमंच और फिल्म लेखक थे, जिन्होंने कभी-कभी, नूरी और बाजार जैसी हिट फिल्में लिखीं। उनका निधन हो गया। उनके प्रति संवेदनाएं।

वहीं, बॉलीवुड अभिनेता जैकी श्रॉफ ने सोशल मीडिया पर एक तस्वीर साझा करते हुए लिखा, बहुत याद आओगे… आर. आई. पी

फिल्म निर्माता हंसल मेहता ने भी ट्विटर पर उन्हें श्रद्धांजलि दी। उन्होंने लिखा, रेस्ट इन पीस, सागर सरहदी साहब।

सरहदी ने संजीव कुमार और तनुजा द्वारा अभिनीत 1971 की फिल्म अनुभव के लिए बॉलीवुड लेखन से अपने करियर की शुरूआत की, लेकिन उन्होंने कुछ साल बाद यश चोपड़ा की 1978 की मल्टीस्टारर रोमांटिक ड्रामा फिल्म कभी कभी लिखी। अमिताभ बच्चन, शशि कपूर, राखी गुलजार, ऋषि कपूर, नीतू सिंह और वहीदा रहमान अभिनीत फिल्म को आज भी अपनी सशक्त कहानी और गीतों के लिए याद किया जाता है।

एक लेखक के रूप में सरहदी ने दूसरा आदमी (1977), इनकार (1977), सिलसिला (1981), लॉरी (1984) लिखी।

उन्होंने चांदनी (1989) की पटकथा लिखी जो श्रीदेवी, ऋषि कपूर और विनोद मेहरा अभिनीत एक ब्लॉकबस्टर फिल्म थी।

दीवाना (1992), रंग (1993), और कहो ना .. प्यार है (2000) में वह संवाद लेखक या पटकथा लेखक के रूप में जुड़े थे।

सरहदी ने 1982 में बाजार के साथ अपना निर्देशन शुरू किया। इसमें ड्रामा स्टार नसीरुद्दीन शाह, स्मिता पाटिल और फारूक शेख थे।

उन्होंने 1988 में अगला मौसम और 1997 में टीवी सीरीज ये इश्क नहीं आसान का निर्देशन किया।

निर्देशक के रूप में उनकी आखिरी फिल्म चौसर थी। नवाजुद्दीन सिद्दीकी और अमृता सुभाष अभिनीत यह फिल्म 2018 में रिलीज हुई।

सरहदी का नाम गंगा सागर तलवार था। उनका जन्म 11 मई, 1983 को बफ्फा, एबटाबाद में हुआ, जो अब पाकिस्तान में है। जब वह 12 साल के थे तब वह दिल्ली आए थे। फिल्मों में काम करने से पहले, उन्होंने उर्दू लघु कथा और नाटक किया।

–आईएएनएस

एचके/एसकेपी