सुप्रीम कोर्ट ने रजिस्ट्री से कहा, अयोध्या मामले के सीधा प्रसारण के संबंध में जवाब दाखिल करे

नई दिल्ली, 16 सितम्बर (आईएएनएस)| सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को पूर्व भाजपा नेता और आरएसएस विचारक गोविंदाचार्य की रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद मामले में कार्यवाहियों की ऑडियो रिकॉर्डिग और सीधे प्रसारण की मांग वाली याचिका के बारे में विचार करने पर सहमति जताई और अदालत ने अपनी रजिस्ट्री से पूछा कि क्या यह संभव है और इस बाबत एक रिपोर्ट दाखिल करने के लिए कहा। मामले से जुड़े मुस्लिम पक्षों ने हालांकि इस याचिका का विरोध किया।

याचिका के अनुसार, अगर इस तरह की कोई व्यवस्था नहीं हो पाती है तो शीर्ष अदालत को कम से कम रिकॉर्ड के लिए कार्यवाहियों की ट्रांसक्रिप्ट तैयार करवानी चाहिए। ट्रांसक्रिप्टों को बाद में ऑनलाइन जारी किया जा सकता है।

अयोध्या भूमि विवाद मामले की सुनवाई फिलहाल प्रधान न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संवैधानिक पीठ कर रही है।

अपनी याचिका में गोविंदाचार्य ने सुप्रीम कोर्ट के सितंबर 2018 आदेश का हवाला दिया जिसमें कहा गया था कि देश में अदालत की कार्यवाहियों का सीधा प्रसारण किया जा सकता है। शीर्ष अदालत ने यह आदेश सेंटर फॉर अकाउंटेबिलिटी एंड सिस्टेमिक चेंज (सीएएससी) की ओर से दायर याचिका के बाद दिया था।

याचिका के अनुसार, लगभग एक वर्ष बीत जाने के बाद भी शीर्ष अदालत के आदेश को लागू नहीं किया गया है।

उन्होंने अपनी याचिका में कहा, “यह मामला राष्ट्रीय महत्व का है। याचिकाकर्ता समेत ऐसे करोड़ों लोग हैं, जो अदालत के समक्ष कार्यवाही का गवाह बनना चाहते हैं, लेकिन वे सुप्रीम कोर्ट के मौजूदा नियम के तहत ऐसा नहीं कर सकते।”

उन्होंने कहा कि लोग राम मंदिर मामले में तत्काल न्याय चाहते हैं क्योंकि भगवान राम बीते कई वर्षों से अस्थायी संरचना में रह रहे हैं।

याचिकाकर्ता ने कहा, “यह मामला सुप्रीम कोर्ट में बीते नौ वर्षो से लंबित है और लोग मामले में निर्णय लेने में देरी की वजह जानना चाहते हैं।”

गोविंदाचार्य ने यह भी कहा कि डिजिटल सुपर पावर के रूप में भारत को अयोध्या मामले में सीधे प्रसारण की व्यवस्था करनी चाहिए।