पीठ ने कहा कि दी गई मंजूरी में भूमि उपयोग में बदलाव और पर्यावरणीय मंजूरी में कोई कमी नहीं दिखती है।
जस्टिस ए.एम. खानविल्कर, दिनेश माहेश्वरी और संजीव खन्ना की खंडपीठ ने कहा कि हेरीटेज संरक्षण समिति की मंजूरी की जरूरत है।
इस परियोजना में 1,200 सांसदों के बैठने की क्षमता के साथ एक नए त्रिकोणीय संसद भवन की परिकल्पना की गई है। अगस्त 2022 तक इस परियोजना के निर्माण का अनुमान है, जब देश अपना 75वां स्वतंत्रता दिवस मनाएगा।
7 दिसंबर को शीर्ष अदालत ने केंद्रीय विस्टा प्रोजेक्ट में नए संसद भवन के लिए आधारशिला रखने की घोषणा के साथ निर्माण प्रक्रिया शुरू करने के केंद्र के फैसले पर असंतोष जताया था।
10 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नए संसद भवन का शिलान्यास रखा था। इस निर्माण में लगभग 971 करोड़ रुपये खर्च होने की संभावना है और 2024 तक केंद्रीय सचिवालय के निर्माण की संभावना है।
याचिकाकर्ताओं ने परियोजना को भूमि उपयोग में अवैध परिवर्तन के आरोपों के साथ चुनौती दी थी और अदालत से इसे रद्द करने का आग्रह किया था।
पुनर्विकास के लिए भूमि उपयोग में बदलाव के बारे में याचिकाकर्ताओं ने 21 दिसंबर, 2019 को दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) द्वारा जारी एक अधिसूचना को चुनौती दी थी।
–आईएएनएस
एसकेपी