स्टील प्लांट की बिक्री बंद करें या इस्तीफा दें आंध्र के सीएम : चंद्रबाबू नायडू

विशाखापट्टनम, 17 फरवरी (आईएएनएस)। तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष व विपक्ष के नेता एन. चंद्रबाबू नायडू ने मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी से स्टील प्लांट की बिक्री को रोकने या अपने पद से इस्तीफा देने की मांग की है।

नायडू ने कहा कि आप, स्टील प्लांट की बिक्री बंद करें, अथवा इस्तीफा दें, नहीं तो जेल जाइए या जहां भी आप (मुख्यमंत्री) जाना चाहें। अगर वाईएसआरसीपी ने लोगों की भावनाओं के साथ विश्वासघात के अपने खेल को जारी रखा, तो राज्य के लोग विद्रोह कर देंगे और वे सत्तारूढ़ पार्टी के नेताओं को सड़कों पर भी नहीं चलने देंगे।

उन्होंने रेड्डी से मांग की कि वे निजीकरण के खतरे का सामना कर रहे प्रतिष्ठित इस्पात संयंत्र को बचाने के लिए चल रहे आंदोलन का नेतृत्व करने की जिम्मेदारी लें।

नायडू ने अपनी पार्टी के नेता पल्ला श्रीनिवास राव से अस्पताल में मुलाकात की। उनका अनिश्चितकालीन उपवास पुलिस ने जबरन समाप्त कर दिया था। उन्होंने कहा कि राव अपने अस्पताल के बिस्तर से आमरण अनशन कर रहे हैं।

पूर्व मुख्यमंत्री ने राव की तरह ईमानदारी से प्रयास करने के लिए रेड्डी और उनकी पार्टी के नेताओं को सलाह दी, जिनकी भूख हड़ताल आठ दिनों तक चली।

तेदेपा सुप्रीमो ने कहा कि अब तक किसी भी मंत्री ने उनका कुशलक्षेम नहीं पूछा है। जहां एक ओर, पल्ला का वजन 10 किलो कम हो गया है, वहीं दूसरी ओर झूठे प्रदर्शनकारी अपना वजन बढ़ा रहे हैं।

नायडू ने दावा किया कि मुख्यमंत्री स्टील प्लांट के मुद्दे पर कथित तौर पर अपना मुंह नहीं खोल रहे हैं। उन्होंने रेड्डी से अपने कथित ढोंगों को बंद करने की मांग की कि इस्पात संयंत्र से आंध्र प्रदेश के लोगों के लिए बहुत भावनात्मक लगाव है।

नायडू ने याद दिलाया कि संयुक्त राज्य में, तेलंगाना सहित सभी तीन क्षेत्रों के लोगों ने एकजुट आंदोलन की और वाइजाग स्टील प्लांट (वीएसपी) की रक्षा की। 32 से अधिक आंदोलनकारियों ने अपने जीवन का बलिदान दिया और ताडीकोंडा निवासी अमृता राव ने उस समय तक 47 दिन का उपवास जारी रखा था।

उन्होंने दावा किया कि उन परिस्थितियों के बीच इंदिरा गांधी के पास शहर में स्टील प्लांट को मंजूरी देने के अलावा कोई विकल्प नहीं था।

उन्होंने वाईएससीआरपी के सांसद वी. विजयसाई रेड्डी को कथित रूप से आंध्र के लोगों को इस तरह से परामर्श देने के लिए फटकार लगाई कि उन्हें निजीकरण की वास्तविकता को स्वीकार करना चाहिए।

पूर्व सीएम ने कहा कि सांसद उस समय यह भी कह रहे थे कि वह 20 किलोमीटर लंबी पदयात्रा करेंगे। अभी सबसे जरूरी यह है कि वाईएसआरसीपी के सांसद दिल्ली जाएं और स्टील प्लांट की बिक्री बंद कराएं।

नायडू ने दावा किया कि राज्य के लोगों ने महसूस किया कि वाईएसआरसीपी नेता झूठे नाटक कर रहे हैं और वाइजाग में एक कथित फर्जी स्वामीजी से मिलने जा रहे हैं ताकि उनकी नापाक गतिविधियों के लिए उनका आशीर्वाद लिया जा सके।

उन्होंने यह भी दावा किया कि रेड्डी पॉस्को के प्रतिनिधियों के साथ मिले, उनके साथ तस्वीरें भी खिंचवाईं, लेकिन लोगों को निजीकरण की योजनाओं के बारे में बताने की जहमत नहीं उठाई।

नायडू ने दावा किया कि अगर सीएम को उत्तर आंध्र प्रदेश से कोई प्रेम है, तो उन्हें विशाला स्टील प्लांट को बचाने के लिए आवंटित ओबुलपुरम माइंस मिलनी चाहिए। इससे इंडस्ट्री को निजीकरण योजना से तुरंत बचाया जा सकेगा।

पूर्व मुख्यमंत्री के अनुसार, स्टील प्लांट से 5 लाख लोगों की आजीविका चल रही थी, 41,000 करोड़ रुपये का कर अदा कर रहा था, जिसमें से 33,000 करोड़ रुपये केंद्र सरकार को और 8,000 करोड़ रुपये राज्य सरकार को दिए जाते थे।

उन्होंने कहा कि जगन शासन यह सुनिश्चित करने की कोशिश कर रहा है कि वाइजाग में सार्वजनिक क्षेत्र का कोई उद्योग न हो। उन्होंने 2 लाख करोड़ रुपये के स्टील प्लांट की जमीन पर अपनी नजरें जमाईं, ताकि उन पैसों से वे भविष्य में रियल एस्टेट की योजना बना पर आगे बढ़ सकें।

–आईएएनएस

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